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अपनी महिला दोस्त के साथ रहना चाहता है ट्रांसजेंडर, हाईकोर्ट में दाखिल की याचिका

अपनी याचिका में ट्रांसजेंडर ने दावा किया है कि वह महिला को 18 महीनों से जानता है. इस दौरन वे काफी अच्छे दोस्त बने, और धीरे-धीरे एक दूसरे के करीब आ गए

FP Staff

दिल्ली के एक ट्रांसजेडर ने अपनी महिला दोस्त को हासिल करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. ट्रांसजेडर की महिला दोस्त काफी वक्त से उसके साथ रह रही थी लेकिन पिछले दिनों उसके पैरेन्टस जबरदस्ती उसे अपने साथ ले गए. इसके खिलाफ ट्रांसजेंडर ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. उसकी मांग है कि महिला दोस्त को उसके साथ रहने की इजाजत दी जाए.

कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली पुलिस को अपना पक्ष रखने के लिए कहा है. वहीं पुलिस की तरफ से एडिशनल स्टैंडिंग काउंसिल नंदिता राव ने कोर्ट को आश्वासन दिया है कि पुलिस कोर्ट में गुरुवार को उस महिला को पेश करेगी जिसका जिक्र याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में किया है.


दरअसल इस मामले में ट्रांसजेंडर ने पुलिस पर उसकी मदद न करने का आरोप लगाया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक याचिकाकर्ता का कहना है कि वह एक लड़की के रूप में पैदा हुई थी लेकिन अब वो एक ट्रांसजेंडर मेल है.

अपनी याचिका में ट्रांसजेंडर ने दावा किया है कि वह महिला को 18 महीनों से जानता है. इस दौरन वे काफी अच्छे दोस्त बने, और धीरे-धीरे एक दूसरे के करीब आ गए.

अपनी शादी में खुश नहीं थी महिला

उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि महिला उसे अपनी पहली शादी के बारे में बताती थी कि कैसे उसका पति उसे परेशान करता था, उसके साथ हिंसा करता था. महिला ने ये भी बताया था कि वे अपनी शादी में खुश नहीं है. फिर लगातार पति के अत्याचार सहने के बाद पिछले महिने वो अपना ससुराल छोड़कर ट्रांसजेंडर के साथ आकर रहने लगी. ट्रांसजेंडर ने बताया कि इसके बाद उन्होंने उसके पति के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई .

इसके बाद जब दोनों एक साथ रहने लगे तो 6 नवंबर को अचानक महिला के पिता परिवार के कुछ लोगों को लेकर उनके घर में घुस आए और जबरदस्ती महिला को ले गए.

ट्रांसजेंडर ने बताया कि महिला लगातार उसे वहां से ले जाने का विरोध करती रही लेकिन फिर पास के पुलिस स्टेशन में जाने के लिए मान गई, ये सोचकर की ऐेसे मामले में पुलिस उसी का साथ देगी क्योंकि वो बालिग है और परिवार के साथ नहीं जाना चाहती. हालांकि ट्रांसजेंडर का आरोप है कि जब वे थाने पहुंचे तो पुलिस केवल देखती रही और महिला के परिवार वाले जबरदस्ती उसे वहां से ले गए.

ट्रांसजेंडर ने बताया कि जब पुलिस ने उसकी मदद करने से इनकार कर दिया तो वो दिल्ली महिला आयोग गया. इसके बाद आयोग के अधिकारी महिला से मिलने उसके घर भी गए थे, तब भी महिला ने यही कहा था कि उसे अपने परिवार के साथ नहीं रहना. ट्रांसजेंडर ने अपनी याचिका में अपील की है कि महिला के अधिकारों को ध्यान में रखते हुए उसके साथ इंसाफ किया जाए.