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3 बहनों के मौत मामले में पिता को ढूंढने प.बंगाल रवाना हुई दिल्ली पुलिस

तीनों शवों के दो बार हुए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनके भूख से मौत की बात सामने आने से केंद्र और दिल्ली सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं

Bhasha

दिल्ली में भुखमरी से 3 सगी बहनों की हुई मौत मामले में दिल्ली पुलिस की एक टीम उनके पिता की तलाश में पश्चिम बंगाल स्थित उसके पैतृक स्थान के लिए रवाना हो गई है. दरअसल शुरुआती मजिस्ट्रेट जांच में बच्चियों के पिता के आचरण की ‘गहराई से जांच’ की मांग की गई थी. इसके बाद ही दिल्ली पुलिस की एक टीम को पश्चिम बंगाल भेजा गया.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे जानकारी दी. उन्होंने बताया कि लड़कियों का पिता मंगल सिंह बीते मंगलवार से ही लापता है. उसी दिन अस्पताल में डॉक्टरों ने तीनों लड़कियों को मृत घोषित किया था.


क्या है पूरा मामला?

दरअसल मंगलवार को पूर्वी दिल्ली के मंडावली इलाके में 3 बहनों की मौत हो गई थी. शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि उनकी मौत भुखमरी से हुई है. इसके बाद दिल्ली सरकार ने इसके मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे. मृतक तीनों लड़कियों की उम्र दो, चार और आठ साल थी.

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह परिवार पिछले हफ्ते शनिवार को ही यहां  रहने आया था और उनकी ज्यादा लोगों के साथ बातचीत नहीं थी. इन बच्चियों का पिता पहले किराए पर रिक्शा चलाता था लेकिन कुछ दिनों पहले वो रिक्शा चोरी हो गई थी. जिसके बाद उसके एक परिचित ने उन्हें अपने घर में शरण दी थी और पूरा परिवार इस इलाके में रहने आ गया था.

कांग्रेस ने साधा  बीजेपी पर निशाना

इस मामले को लेकर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. पार्टी के नेता हरीश रावत ने आरोप लगाया कि बीजेपी अद्यतन राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का इस्तेमाल लोगों को बांटने के मकसद से कर रही है. उन्होंने कहा, ‘इससे पहले झारखंड या छत्तीसगढ़ जैसे दूरदराज के इलाकों में लोगों के भूख और कुपोषण से मारे जाने की खबरें आती थीं. अब देश की राजधानी में ठीक प्रधानमंत्री की नाक के नीचे 3 बच्चे मारे गए. लेकिन प्रधानमंत्री इससे बेपरवाह हैं.’

रावत ने कहा, ‘ऐसी खबरें हैं जिनमें दावा किया गया है कि बीजेपी एनआरसी का इस्तेमाल विभाजनकारी मकसद के लिए कर रही है. ऐसी आशंकाएं हैं कि वास्तविक भारतीय नागरिकों को राजनीतिक मकसद से दूर रखा जाएगा.'