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दिल्ली प्रदूषण के लिए खुद जिम्मेदार, प्राइवेट वाहनों को रोकने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं: EPCA

भूरे लाल ने केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को बुधवार को पत्र लिखा 'वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर से निपटने के लिए जरूर कदम उठाए जाने चाहिए. इसमें प्राइवेट वाहनों पर भी जरूर कदम उठाए जाने चाहिए.'

FP Staff

दिल्ली में वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है. इस मुद्दे से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त की गई EPCA और सरकार कई जरूरी कदम उठा रही है.

दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर EPCA ने कहा कि दिल्ली का वायु प्रदूषण उसने खुद उत्पन्न किया है और इससे निपटने के लिए कोई ऑप्शन नहीं है, जबकि प्राइवेट वाहनों पर रोक के बजाए एयर क्वालिटी में आया सुधार के लिए बारिश जिम्मेदार है.


EPCA चीफ भूरे लाल ने केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को बुधवार को पत्र लिखा 'वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर से निपटने के लिए जरूर कदम उठाए जाने चाहिए. इसमें प्राइवेट वाहनों पर भी जरूर कदम उठाए जाने चाहिए.'

SAFAR का हवाला देते हुए EPCA ने बताया कि दिल्ली के वायु प्रदूषण में 40 प्रतिशत वाहन जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि डीजल के भारी वाहनों को हटाने के अलावा बचे हुए वाहनों से भी दिल्ली की एयर क्वालिटी खराब होती है.

EPCA ने कहा कि पेरिस और बीजिंग में प्रदूषण को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए गए हैं. यह रोक फ्यूल टाइप/उम्र के आधार पर लगाई गई है.

राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार रात हुई हल्की-फुल्की बारिश के बाद प्रदूषण के स्तर में मामूली सुधार दर्ज किया गया. अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली की एयर क्वालिटी बुधवार को गंभीर से 'बहुत खराब'की श्रेणी में आ गई.

 प्रदूषण के स्तर में सुधार हुआ

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के डेटा के मुताबिक एयर क्वालिटी इंडेक्स 348 दर्ज किया गया जो 'बहुत खराब' की श्रेणी में आता है. इसमें बताया गया कि दिल्ली के 28 इलाकों में एयर क्वालिटी 'बेहद खराब' दर्ज की गई जबकि तीन इलाकों में यह 'खराब' की श्रेणी में बनी रही.

दीपावली पर पटाखे जलाने के चलते प्रदूषण बढ़ने के बाद से दिल्ली की एयर क्वालिटी 'बहुत खराब' से 'गंभीर' की श्रेणी के बीच झूल रही है. बुधवार को दिल्ली की हवा में अतिसूक्ष्म कणों - पीएम 2.5 का स्तर 202 और पीएम 10 का स्तर 327 दर्ज किया गया.

एयर क्वालिटी सूचकांक में शून्य से 50 अंक तक हवा की गुणवत्ता को 'अच्छा', 51 से 100 तक 'संतोषजनक', 101 से 200 तक 'सामान्य', 201 से 300 के स्तर को 'खराब', 301 से 400 के स्तर को 'बहुत खराब' और 401 से 500 के स्तर को 'गंभीर' श्रेणी में रखा जाता है.

बारिश से हवा की प्रदूषक तत्वों को जकड़े रहने की क्षमता बढ़ जाने और इसके चलते प्रदूषण का स्तर बढ़ने की आशंकाओं के बीच अधिकारियों ने बताया कि हल्की बारिश से प्रदूषण के स्तर में सुधार हुआ है. अगले दो दिनों में एयर क्वालिटी में सुधार हो सकता है.