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दिल्ली लगातार 5वें दिन भी धूल के गुबार की गिरफ्त में, हवा की गुणवत्ता बदतर

दिल्ली में लगातार पांच दिनों से धूल का गुबार छाया हुआ है. यहां सांस लेना दूभर है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से घरों के अंदर रहने और धूल से बचने को कहा है

FP Staff

दिल्ली में लगातार पांच दिनों से धूल का गुबार छाया हुआ है. यहां सांस लेना दूभर है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से घरों के अंदर रहने और धूल से बचने को कहा है. धूल की वजह से गर्मी भी कम नहीं हो रही है. दिल्ली के तापमान में भी कमी नहीं आ पा रही है. मौसम विभाग के मुताबिक शुक्रवार को भी तापमान 40 डिग्री से कम नहीं रहेगा और 25-35 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं.

मौसम विभाग ने दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में हवा की गति बहुत कम होने और बारिश की संभावना न के बराबर होने के आधार पर हवा में छाए धूल के गुबार की स्थिति अगले दो दिनों तक बरकरार रहने की आशंका जताई है. केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री डा. हर्षवर्धन ने दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाकों में छाई धूल की परत से उत्पन्न हालात पर नियंत्रण के लिए संबद्ध एजेंसियों को जारी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने और स्थिति पर निगरानी रखने का निर्देश दिया है.

हर्षवर्धन ने दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता में सुधार आने की जानकारी देते हुए बताया कि केन्द्र और राज्य सरकारों की संबद्ध एजेंसियों को धूल न उड़ने देने और कूड़ा जलाने जैसी सभी गतिविधियों पर सख्ती से नियंत्रण रखने और निगरानी करने का निर्देश दिया गया है. हालांकि इस मामूली सुधार से दिल्ली के लोगों की मुश्किलें जरा भी कम होती नजर नहीं आ रही हैं.

मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार 12 और 13 जून को राजस्थान में धूल भरी आंधी के कारण दिल्ली एनसीआर क्षेत्र के वायुमंडल में धूल की परत जमने से हवा की गुणवत्ता अब तक के सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई थी. इस स्थिति में आज सुधार दर्ज किया गया.

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में गुरुवार शाम चार बजे पीएम 10 का स्तर 759 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर (क्यूबिक मीटर) दर्ज किया गया. जब कि बुधवार शाम पांच बजे तक इसका स्तर 823 माइक्रो ग्राम प्रति (क्यूबिक मीटर) था. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डा. हर्षवर्धन ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्यों के स्थानीय निकायों को निर्माण कार्य सहित धूल उड़ने के अन्य सभी स्रोतों पर नियंत्रण और निगरानी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.

वायु गुणवत्ता सूचकांक (एयर क्वालिटी इंडेक्स) अगर 0-50 के बीच हो तो उसे अच्छा, 51-100 हो तो संतोषजनक, 101 से 200 के बीच हो तो मध्यम, 201-300 हो तो खराब, 301 से 400 के बीच हो तो बहुत खराब और 401-500 हो तो गंभीर माना जाता है.

इस दिशा में मंत्रालय द्वारा ग्रेडिड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत पहले से जारी दिशानिर्देशों का पालन भी करने को कहा गया है. इस बीच जीआरएपी के तहत गठित कार्य बल की आज केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक में दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में रविवार तक निर्माण कार्यों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है.