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दिल्ली में नर्सरी दाखिला: स्कूलों के बेतुके सवाल से अभिभावकों को कब तक परेशानी झेलनी पड़ेगी?

नर्सरी दाखिले की आवश्यक प्रक्रिया 31 मार्च को पूरी होगी. पहली एडमिशन लिस्ट से अगर पैरेंट्स को कोई भी दिक्कत है तो इसका निपटारा 5 फरवरी से 12 फरवरी के बीच किया जाएगा

Ravishankar Singh

दिल्ली में नर्सरी, केजी और क्लास वन में दाखिले की प्रक्रिया की शुरुआत हो गई है. दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया शुरुआत के साथ ही अभिभावकों की परेशानियों की भी शुरुआत हो गई है. खासतौर पर नर्सरी कक्षा में अपने बच्चों की दाखिला कराने वाले अभिभावकों को इस समय काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. स्कूलों में दाखिला का क्राइटेरिया समझने में अभिभावकों को पसीने छूट रहे हैं.

अभिभावकों की मुश्किलें तब और बढ़ जाती हैं जब स्कूल दाखिले की प्रक्रिया की पूरी जानकारी वेबसाइट पर ठीक ढंग से उपलब्ध नहीं कराई जाती. ऐसे में अभिभावकों को स्कूलों के फोन की घंटियों पर जानकारी लेने के सिवाय दूसरा कोई चारा नहीं बचता. लेकिन यह प्रयास भी तब बेकार साबित होता है जब उनका फोन नहीं उठता. ऐसे में अभिभावकों के पास स्कूलों का चक्कर लगाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचता है.


पिछले कुछ सालों से दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों की मनमानी पर लगाम कसने के लिए कुछ गाइडलाइंस भी जारी की हैं. शिक्षा विभाग की गाइडलाइंस के मुताबिक स्कूल फॉर्म के शुल्क के तौर पर केवल 25 रुपए लेंगे. स्कूल पैरेंट्स से किसी तरह की कोई भी डोनेशन फीस नहीं वसूल सकते.

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बता दें कि दिल्ली के लगभग 17 सौ प्राइवेट स्कूलों में नर्सरी एडमिशन प्रक्रिया की शुरुआत के साथ ही दलालों की भी गतिविधियां बढ़ गई हैं. दिल्ली सरकार के सख्त दिशा-निर्देश के बाद भी दलालों की भूमिका बनी हुई है. ऐसे में कुछ अभिभावक स्कूलों की भागमदौड़ से बचने के लिए मोटी रकम तक देने को तैयार हो जाते हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर

दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों में ऑनलाइन फॉर्म भरने की सख्त हिदायत दे रखी है. इसके बावजूद कुछ स्कूलों में ऑफलाइन फॉर्म भरे जा रहे हैं. बहुत सारे स्कूल तो अपने हिसाब से एडमिशन का क्राइटेरिया भी तय कर रहे हैं. इस तरह की खबरें आ रही है कि कुछ स्कूल बच्चों के मां-बाप से पढ़े-लिखे होने का सबूत मांग रहे हैं, तो कोई उनसे नॉनवेज न खाने और सिगरेट-शराब न पीने का सबूत मांग रहे हैं.

दिल्ली की जीडी गोयनका स्कूल कड़कड़डूमा के प्रिंसिपल अनुपमा चोपड़ा फ़र्स्टपोस्ट हिंदी से बात करते हुए कहती हैं, 'देखिए दिल्ली में कुछ साल पहले तक प्राइवेट स्कूलों में नर्सरी में एडमिशन के लिए कई तरह के क्राइटेरिया थे. कुछ साल पहले तक दिल्ली में लॉटरी सिस्टम के जरिए दाखिला होता था, लेकिन मामला कोर्ट में पहुंचा तो बहुत सारे ऐसे पॉइंट थे जिसे कोर्ट ने हटाने के आदेश दे दिए.'

वो आगे कहती हैं, 'हैरानी की बात यह है कि आज भी बहुत सारे स्कूल कोर्ट द्वारा हटाए गए पॉइंट को अपने एडमिशन क्राइटेरिया में शामिल कर रहे हैं. ऐसे ही कुछ पॉइंट हैं स्कूल ट्रांसपोर्ट, अभिभावक के बिजनेस-नौकरी, सैलरी की जानकारी मांगना. मेरे हिसाब से यह सब नहीं होना चाहिए. हमलोगों की प्राथमिकता होनी चाहिए कि बच्चों को बेहतर सुविधा कैसे दें. इसके लिए हमलोगों ने अपने स्तर भी कई तरह के प्रयास किए हैं. रही बात स्कूल पसंद और नापसंद करने की तो यह पैरेंट्स का अधिकार है. कुछ स्कूल इसको लेकर मनमानी करते हैं, जो उन्हें नहीं करना चाहिए.’

स्कूलों की मनमानी डिमांड

दाखिले को लेकर स्कूल मैनेजमेंट अभिभावकों से उल्टी-सीधी डिमांड रख रहे हैं. मैनेजमेंट अभिभावकों से उनकी आय पूछने की बजाए सीधे पैन कार्ड की जानकारी मांग रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट आधार कार्ड की अनिवार्यता खत्म कर उसे विकल्प के तौर पर मांगने का आदेश जारी कर चुका है. बावजूद इसके स्कूल संचालक अनिवार्य तौर पर बच्चों का आधार कार्ड मांग रहे हैं. बच्चों के मां-बाप से नॉनवेज न खाने, शराब-सिगरेट न पीने और पढ़े-लिखे होने का सबूत मांग रहे हैं.

कुछ आभिभावकों का मानना है कि अगर नर्सरी और केजी के लिए आप अप्लाई कर रहे हैं तो आपको ऑनलाइन फॉर्म जमा करने के बाद भी स्कूल-स्कूल जा-जा कर खाली सीटों के बारे में जानकारी हासिल करनी पड़ रही है.

इन अभिभावकों की मुश्किलें अगर यहां भी खत्म हो जाए तो ठीक है. अभिभावकों को और परेशानी झेलनी पड़ती है जब उनको पता चलता है कि उन्होंने उन स्कूलों में फॉर्म अप्लाई कर दिया है जिन्हें दिल्ली सरकार ने नर्सरी एडमिशन प्रोसेस से प्रतिबंधित कर दिया है.

दिल्ली सरकार ने दिल्ली के105 नर्सरी स्कूलों में एडमिशन पर रोक लगा दी है. दिल्ली सरकार का कहना है कि इन स्कूलों में एडमिशन के नियम-कानून का पालन ठीक ढंग से नहीं किया जा रहा था. दिल्ली सरकार का कहना है कि जिन स्कूलों में एडमिशन पर रोक लगाई गई है वहां कि मान्यता रद्द भी की जा सकती है. लेकिन दिल्ली सरकार ने अभी तक इन स्कूलों की लिस्ट अपनी वेबसाइट पर नहीं डाली है, जिससे अभिभावकों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है.

बता दें कि बीते 15 दिसंबर से ही दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में नर्सरी एडमिशन के लिए आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन शुरू हो चुके हैं. पैरेंट्स 7 जनवरी तक आवेदन फॉर्म जमा कर सकते हैं.

इस बार शिक्षा निदेशालय ने नर्सरी क्लास में एडमिशन के लिए बच्चों की अधिकतम आयु भी निर्धारित कर दी है. शिक्षा निदेशालय की गाइडलाइंस के मुताबिक नर्सरी में केवल वही बच्चे एडमिशन ले पाएंगे जिनकी उम्र 31 मार्च 2019 तक 4 साल से कम होगी. इसके अलावा केजी में एडमिशन पाने के लिए अधिकतम आयु पांच साल से कम और पहली क्लास में एडमिशन पाने के लिए अधिकतम उम्र 6 साल से कम होनी चाहिए.

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इस साल चयनित बच्चों की पहली सूची चार फरवरी और दूसरी सूची 21 फरवरी को जारी की जाएगी. नर्सरी दाखिले की आवश्यक प्रक्रिया 31 मार्च को पूरी होगी. पहली एडमिशन लिस्ट से अगर पैरेंट्स को कोई भी दिक्कत है तो इसका निपटारा 5 फरवरी से 12 फरवरी के बीच किया जाएगा.