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दिल्ली मेट्रो: किराए को लेकर कब तक चलेगा 'आप का सत्याग्रह'

आप के कार्यकर्ता मेट्रो किराया सत्याग्रह के दूसरे चरण के तहत हर रोज दिल्ली से चुने हुए बीजेपी के सांसदों के पास जा रहे हैं

Ravishankar Singh

दिल्ली में आम आदमी पार्टी मेट्रो किराया बढ़ाए जाने के विरोध में सत्याग्रह कर रही है. मेट्रो किराया सत्याग्रह के चौथे दिन मंगलवार को आप के कार्यकर्ता दक्षिणी दिल्ली से बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी के आवास पर पहुंचे.

हर रोज की तरह यहां भी आप के कार्यकर्ताओं के हाथ में गुलाब के फूल थे. आप के कार्यकर्ता सांसद रमेश बिधूड़ी से भी यही अनुरोध करने के लिए गए थे कि मेट्रो के बढ़े किराए को कम करवाने के लिए बीजेपी सांसद भी दिल्ली की जनता का साथ दें.


आप का कहना है कि दिल्ली की जनता ने रमेश बिधूड़ी को अपने प्रतिनिधि के तौर पर ही चुना है और जनप्रतिधि होने के नाते उनकी ये जिम्मेदारी बनती है कि वे जनता के हित में मेट्रो का किराया कम कराने के लिए प्रयास करें.

आप के कार्यकर्ता दिल्ली से चुने हुए बीजेपी सांसदों के पास जा रहे हैं

हम आपको बता दें कि आप के कार्यकर्ता मेट्रो किराया सत्याग्रह के दूसरे चरण के तहत हर रोज दिल्ली से चुने हुए बीजेपी के सांसदों के पास जा रहे हैं.

शनिवार को जहां आप कार्यकर्ता डॉ हर्षवर्धन के पास गए थे, रविवार को बीजेपी सांसद महेश गिरी और सोमवार को सांसद उदित राज के पास पहुंचे थे.

इसी कड़ी में मंगलवार सांसद रमेश बिधूड़ी के आवास का घेराव करने के लिए आप के कार्यकर्ता पहुंचे थे.

दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर से देश के शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह को मेट्रो किराया बढ़ाए जाने को लेकर पत्र लिखा है.

शहरी विकास मंत्रालय ने अथॉरिटी का दुरुपयोग किया है

अरविंद केजरीवाल ने पत्र के जरिए कहा है कि दिल्ली सरकार ग्रांट के तौर पर बड़ी राशि डीएमआरसी को देती है. इसके बावजूद डीएमआरसी और शहरी विकास मंत्रालय मेट्रो किराया बढ़ाने के बाद खर्च का ब्योरा नहीं दे रहे हैं.

दिल्ली की जनता को यह जानने का हक है कि क्या मेट्रो पैसे ठीक ढंग से खर्च कर रही है. सीएम ने कहा कि उनकी ओर से मुख्य सचिव को दिए निर्देश को पालन न करने का आदेश देकर शहरी विकास मंत्रालय ने अथॉरिटी का दुरुपयोग किया है.

अरविंद केजरीवाल ने शहरी मंत्रालय से मांग की है कि डीएमआरसी को लेकर दिल्ली सरकार द्वारा जांच के आदेश के मामले में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप न किया जाए.