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एक बार फिर बढ़ने वाला है दिल्ली मेट्रो का किराया

जस्टिस (सेवानिवृत) एम एल मेहता की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों पर मई और अक्टूबर में दो चरणों में किराए में बढ़ोत्तरी की गई थी

Bhasha

दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाले लोगों को एक और झटका लग सकता है. मेट्रो का किराया तय करने के लिए अधिकृत केंद्र द्वारा नियुक्त समिति की सिफारिशों का पालन करते हुए मेट्रो का किराया जनवरी 2019 में एक बार फिर बढ़ाया सकता है.

जस्टिस (सेवानिवृत) एम एल मेहता की अध्यक्षता वाली इसी समिति की सिफारिशों पर मई और अक्टूबर में दो चरणों में किराए में बढ़ोत्तरी की गई थी. जस्टिस मेहता दिल्ली के प्रमुख सचिव और बोर्ड पर शहरी विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव भी रह चुके हैं.


मेट्रो रेलवे अधिनियम के तहत गठित की गई चौथी किराया निर्धारण समिति (एफएफसी) ने अपनी रिपोर्ट में 'ऑटोमेटिक वार्षिक किराया समीक्षा' की भी सिफारिश की है जिसके तहत किराया सात फीसदी तक बढ़ेगा.

यह व्यवस्था अगली एफएफसी तक प्रभावी रहेगी. दिल्ली मेट्रो रेल प्राधिकरण (DMRC) ने भी इस व्यवस्था का प्रस्ताव रखा था.

समिति ने सिफारिश की है कि DMRC ऑटोमेटिक किराया समीक्षा फार्मूले के आधार पर साल में एक बार किराए की समीक्षा कर सकती है. यह फॉर्मूला कर्मचारियों, रखरखाव, ऊर्जा के खर्च और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में वृद्धि पर आधारित है.

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'यह ऑटोमेटिक किराया समीक्षा एक जनवरी 2019 से लागू होगी और अगली एफएफसी की सिफारिशों तक हर साल ऐसा होता रहेगा.' मेट्रो के किराए में हाल में वृद्धि को लेकर अरविंद केजरीवाल सरकार के साथ टकराव के दौरान केंद्रीय आवासीय और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दावा किया था कि केंद्र एफएफसी की सिफारिशों से छेड़छाड़ करने की स्थिति में नहीं है क्योंकि ऐसा करना 'कानून सम्मत' नहीं है.

इसके बाद मेट्रो के किराए में 100 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी की गई. पीटीआई के एक संवाददाता द्वारा दायर आरटीआई आवेदन के जवाब में DMRC ने 24 नवंबर को कहा था कि 10 अक्तूबर को किराया वृद्धि के बाद मेट्रो में यात्रियों की संख्या प्रति दिन 3 लाख तक घटी.

इस पर केजरीवाल सरकार ने कहा कि किराए में वृद्धि मेट्रो को 'खत्म कर रही है' और यात्रियों को उससे दूर ढकेल रही है.