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किशनगढ़ मर्डर: बेटे ने ही की थी परिवारवालों की हत्या, पुलिस को सुनाता रहा कहानियां

घर के चिराग ने ही नफरत में अंधे होकर अपने माता-पिता और बहन की हत्या कर दी. और उनकी हत्या को छुपाने के लिए झूठी-मूठी कहानी भी गढ़ दी

FP Staff

दिल्ली में वसंत कुंज स्थित किशनगढ़ से बुधवार सुबह-सुबह एक परिवार के तीन लोगों की हत्या का मामला सामने आया था. अब पुलिस की पूछताछ में सिहराने वाली हत्या की गुत्थी सुलझ गई है. परिवार की हत्या के पीछे का भयानक सच सामने आ गया है. घर के चिराग ने ही नफरत में अंधे होकर अपने माता-पिता और बहन की हत्या कर दी और उनकी हत्या को छुपाने के लिए झूठी-मूठी कहानी भी गढ़ दी. इसके पहले वो एक बार अपनी किडनैपिंग की कहानी गढ़ चुका है.

पढ़ाई के लिए दबाव डालने के लिए पिता से करता था नफरत


पढ़ाई के लिए पिता की ओर से बार-बार दबाव डाले जाने के बाद 19 साल के लड़के ने अपने पूरे परिवार के हत्या की योजना बना डाली और खुद को निर्दोष साबित करने के लिए एक कहानी गढ़कर उसने खुद को भी घायल कर लिया. यहां तक कि पुलिस की पूछताछ में भी उसने पुलिस को कई कहानियां गढ़कर सुनाईं लेकिन पुलिस की कड़ी पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया.

19 साल का सूरज गुरुग्राम के इंजीनियरिंग कॉलेज से सिविल इंजनीयरिंग के पहले साल का छात्र था. लेकिन वो पढ़ाई को लेकर बहुत गंभीर नहीं था, जिसकी वजह से उसके पिता की ओर से उसे काफी लताड़ मिलती थी. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, अगस्त में उसके पिता ने उसे पढ़ाई में मन न लगाकर पतंग उड़ाते रहने के लिए पीटा था और घर से निकालने की धमकी दी थी, जिसके बाद से ही वो गुस्से में था और बदला लेने की योजना बना रहा था. रिपोर्ट में ये भी सामने आया है कि वो पहले आत्महत्या करना चाहता था लेकिन फिर उसने फैसला लिया कि सजा उसे नहीं उसके परिवार को मिलना चाहिए.

पड़ोसियों को लूट की घटना की कहानी सुनाई

दक्षिणी-पश्चिम दिल्ली के डीसीपी देवेंद्र आर्य ने बताया कि हत्या को अंजाम देने के लिए मंगलवार को उसने चाकू और कैंची खरीदा. रात में तकरीबन तीन बजे उसने अपने पिता मिथिलेश वर्मा (44) और सिया (38) की चाकुओं से घोंपकर हत्या की. फिर वो अपनी 15 साल की बहन नेहा के कमरे में गया. हत्यारे ने पहले अपनी बहन को जगाया फिर उसे चार बार चाकू घोंपा, जिससे उसकी मौत हो गई. इस दौरान उसे भी थोड़ी चोटें आईं, जिनकी मदद से उसने खुद को घायल दिखाया.

साढ़े पांच बजे के तकरीबन उसने अपनी बालकनी से नीचे गुजर रहे एक पड़ोसी को बुलाया और बताया कि उसके घर लुटेरे आए थे और उन्होंने उसके परिवारवालों की हत्या कर दी है. जिसके बाद पुलिस को जानकारी दी गई. परिवार के तीनों सदस्यों को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

पुलिस को कई तरह की कहानियों सुनाकर घुमाता रहा

पुलिस की जांच में पता चला कि घर में लुटेरों का आना नामुमकिन था क्योंकि घर का मेन गेट बंद था और अंदर आने का रास्ता बस बालकनी से ही था. इसके अलावा घर की कीमती चीजें बिल्कुल अनछुई थी. पुलिसिया जांच में किसी बाहरी के अंदर आने के कोई निशान नहीं मिले थे और सूरज भी कई तरह की कहानियां सुना रहा था. इसलिए पुलिस ने सूरज को ही जांच के केंद्र में रखा.

सूरज ने पहले बताया कि उसके घर में दो लुटेरे घुस आए थे. विरोध करने पर उन्होंने उन चारों पर हमला कर दिया. उसने कहा कि उसकी मां की उसे बचाने की कोशिश में हत्या कर दी गई. पुलिस को सूरज के इस बयान में कई लूपहोल दिखे, जैसे लूट की घटना होने या लुटेरों के अंदर घुसने के कोई निशान नहीं थे.

पुलिस के और पूछताछ करने पर उसने दूसरी कहानी बनाई. उसने कहा कि उसके पिता ने पहले उसकी मां और उसकी बहन की हत्या की, जिसके बाद उसे अपने पिता की हत्या करनी पड़ी. पुलिस को इसमें भी सच्चाई नजर नहीं आई. कड़ी पूछताछ में आखिर सूरज टूट गया और उसने बताया कि उसने उन सबको उनकी नींद में मार दिया था.

पहले किडनैपिंग की कहानी भी गढ़ चुका था

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, सूरज पुलिस को बताया कि वो अपने पिता से बहुत नफरत करता था क्योंकि वो बहुत लापरवाही और बेफिक्री से रहता था, जो उसके माता-पिता को पसंद नहीं थी. उसे पढ़ाई में कोई दिलचस्पी नहीं थी. वो एक बार 12वीं कक्षा में भी फेल हो चुका था और पढ़ने की बजाय अपने दोस्तों के साथ घूमता और फिल्में देखता रहता था.

अपने परिवार से अलग रहने के लिए उसने अपने आठ दोस्तों के साथ मिलकर मेहरौली में एक छोटा सा फ्लैट ले रखा था. उसके पिता अकसर उसे न पढ़ने के चलते पीटते थे. पिछली बार उन्होंने 15 अगस्त को उसकी पिटाई की थी क्योंकि वो ट्यूशन जाने की बजाय पतंग उड़ा रहा था. वो अपनी मां से भी नफरत करता था क्योंकि उसकी मां को उसके दोस्तों का घर पर आना और उसे टोकना पसंद नहीं था. उसने बताया कि उसने अपनी बहन को भी मार डाला क्योंकि वो चोरी-छुपे उसका मोबाइल चेक करती थी और सारी बातें अभिभावकों को बताती थी. उसने कहा कि उसको अपनी बहन की हत्या करने का दुख था और वो उसके शव के पास बैठकर रोया भी था.

पुलिस ने बताया कि सूरज ने 2013 में भी अपनी किडनैपिंग की कहानी गढ़ी थी, जो अब तक किडनैपिंग ही मानी गई थी, जबकि वो कभी किडनैप नहीं हुआ था, बल्कि अपने दोस्तों के साथ घूमने गया था और एक दिन बाद घर लौट आया था.