दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान का नाम बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर हो सकता है. उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कुछ सदस्यों ने प्रस्ताव रखा है कि दिल्ली के रामलीला मैदान का नाम 'अटल बिहारी वाजपेयी मैदान' रखा जाए.
इसके बाद यह समझा जा रहा है कि नगर निगम की 30 अगस्त को होने वाली बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव पेश कर इसे पारित कराया जा सकता है.
बता दें कि दिल्ली की तीनों नगर निगमों पर बीजेपी का शासन है. इस वजह से यह माना जा रहा है कि रामलीला मैदान का नाम आने वाले दिनों में बदलकर 'अटल बिहारी वाजपेयी मैदान' रखा जा सकता है.
बीजेपी शासित अलग-अलग राज्यों में भी अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर योजनाओं के नामकरण की कवायद चल रही है.
रामलीला मैदान का ऐतिहासिक महत्व है
दिल्ली का ऐतिहासिक रामलीला मैदान कई आंदोलनों का गवाह रहा है. 1975 में जब देश में इमरजेंसी (आपातकाल) लगी थी तब पहला बड़ा आंदोलन दिल्ली के रामलीला मैदान में ही हुआ था. फिर जब इमरजेंसी हटाने का फैसला हुआ तब भी रामलीला मैदान में बड़ा आंदोलन किया गया था.
उस आंदोलन में लोकनायक जयप्रकाश नारायण समेत तत्कालीन कई बड़े नेता शामिल हुए थे. उसमें अटल बिहारी वाजपेई भी शामिल थे. मंच से अटल जी ने तब अपनी कविताओं के जरिए देश के हालातों पर कटाक्ष करते हुए तत्कालीन सरकार पर सवाल खड़े किए थे.
अंग्रेजों के शासनकाल में रामलीला मैदान एक बड़ा तालाब था, उस समय यह अजमेरी गेट तक फैला था. बाद में इसे मिट्टी डालकर समतल किया गया. बाद के सरकारों ने अपनी सहूलियत के हिसाब से इसके कुछ हिस्सों में विकास कार्य कराया. चूंकि यहां हर साल दशहरे के अवसर पर रामलीला का आयोजन होने लगा इससे इसका नाम रामलीला मैदान पड़ गया.