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ऑक्सीटोसिन के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए केंद्र ने लगाया था बैन, HC ने कहा- ये कहीं से भी तार्किक नहीं

कोर्ट का मानना है कि केंद्र का यह फैसला कहीं से भी तार्किक और वैज्ञानिक रूप से सही नहीं लगता. यह मनमाने ढंग से लिया गया फैसला है

FP Staff

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के उस फैसले पर रोक लगा दिया है जिसमें उसने प्राइवेट कंपनियों को ऑक्सीटोसिन की बिक्री करने पर रोक लगाया था. कोर्ट का मानना है कि केंद्र का यह फैसला कहीं से भी तार्किक और वैज्ञानिक रूप से सही नहीं लगता. यह मनमाने ढंग से लिया गया फैसला है. सरकार ने इस साल अप्रैल में निजी कंपनियों द्वारा ऑक्सीटोसिन के उत्पादन एवं बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था.

इसके बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने ऑक्सीटोसिन के उत्पादन एवं बिक्री के लिए निजी कंपनियों पर लगे सरकारी प्रतिबंध शुक्रवार को 15 दिसंबर तक बढ़ा दिया था. ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल गर्भावस्था के दौरान रक्तस्राव को नियंत्रित करने में किया जाता है.सरकार ने डेयरी उद्योग द्वारा दूध का उत्पादन बढ़ाने में कथित तौर पर इस दवा के इस्तेमाल को रोकने के लिए प्रतिबंध का निर्णय लिया था.केंद्र सरकार ने 27 अप्रैल को जारी अधिसूचना में सिर्फ एक सार्वजनिक कंपनी कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्माश्यूटिक्ल्स लिमिटेड को इस दवा के उत्पादन की मंजूरी दी थी. देश में फाइजर, मायलैन और नियॉन जैसी कंपनियां ऑक्सीटोसिन का उत्पादन एवं बिक्री करती थी.