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पीड़िता की मांग पर समिति का अध्यक्ष बदले एयर इंडिया: दिल्ली हाई कोर्ट

पीड़िता ने एयर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे, इस मामले पर बनी समिति के अध्यक्ष को बदलने का आदेश दिया गया है

Bhasha

दिल्ली हाई कोर्ट ने एयर इंडिया को एक एयर होस्टेस के यौन उत्पीड़न की शिकायत की जांच कर रही समिति की अध्यक्ष को बदलने का आदेश दिया है. अदालत के आदेश के बाद एयरलाइन उनकी जगह एक नए व्यक्ति को लाने के लिए राजी हो गई है.

पीड़िता ने एयर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. एयर इंडिया अपनी आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) की अध्यक्ष को बदलने के लिए राजी हो गई है. दरअसल, इससे पहले हाई कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि ऐसा नहीं किए जाने पर वह समिति के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगा देगा.


जस्टिस विभू बाखरू ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता को समिति की मौजूदा अध्यक्ष के खिलाफ कोई आशंका है. तो याचिकाकर्ता के हित में किसी और महिला को समिति के अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त करना चाहिए.

गौरतलब है कि एयर होस्टेस ने अपील दायर करते हुए कहा था कि इसकी अध्यक्षता कर रही महिला यौन उत्पीड़न के आरोपी अधिकारी की करीबी मित्र हैं. जिसके बाद उनके वकील ने दलील दी कि याचिकाकर्ता को आशंका है कि जांच की कार्यवाही निष्पक्षता से नहीं हो सकेगी.

शिकायत की सुनवाई ना होने के बाद सुरेश प्रभू से मांंगी मदद

अपनी याचिका में महिला ने कई उदाहरण दिए, जिनमें आरोपी अधिकारी ने उसके और अन्य महिला कर्मचारियों के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था. याचिकाकर्ता ने दावा किया कि 2015 में उसने यह विषय एयर इंडिया के तत्कालीन अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के ध्यान में लाया था. लेकिन उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

शिकायतकर्ता ने दलील दी कि इस साल उसने नागरिक विमानन मंत्री सुरेश प्रभु को पत्र लिखा और उनके हस्तक्षेप के बाद समिति का गठन किया गया. हालांकि इस समिति ने करीब छह महीने तक जांच नहीं की और ना ही उसे अपना मामला बयां करने के लिए पर्याप्त वक्त दिया. साथ ही, प्रथम समिति को पुनर्गठित करने के उसके अनुरोध पर भी एयरलाइन ने ध्यान नहीं दिया.

सुनवाई ना होने पर मेनका गांधी को लिखा पत्र

याचिका में कहा गया है कि इसके बाद उसने महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी को पत्र लिखा. मंत्री के हस्तक्षेप के बाद दूसरी समिति का गठन इस साल जून में किया गया. लेकिन इसकी अध्यक्षता एक ऐसी महिला कर रही है जो आरोपी अधिकारी की करीबी हैं.