दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के एमफिल और पीएचडी पाठ्यक्रमों की नई एडमिशन पॉलिसी पर सिंगल जज के बेंच द्वारा दिए गए आदेश पर 27 जुलाई तक के लिए रोक लगा दी है.
सिंगल जज के बेंच ने यूजीसी के नियमों के आधार पर इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश को मंजूरी दी थी.
कोर्ट ने इस बीच यूजीसी को भी अपना पक्ष रखने के लिए कहा है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि अंतरिम फैसले के मुताबिक ही एडमिशन होगा. इस मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी.
क्या है मसला?
यूजीसी के नोटिफिकेशन के तहत जेएनयू प्रशासन ने अपनी नई एडमिशन पॉलिसी में एमफिल और पीएचडी की सीटों में भारी कटौती की है.
अकादमिक वर्ष 2016-17 में एमफिल और पीएचडी के लिए जेएनयू में 970 सीटें थीं. लेकिन यूजीसी के नोटिफिकेशन के बाद इस साल यानी अकादमिक वर्ष 2017-18 के लिए सिर्फ 102 सीटों के लिए नामांकन लिए जाएंगे.
इस नई दाखिला नीति के खिलाफ जेएनयू के छात्र पिछले तीन माह से आंदोलन कर रहे हैं.
इससे पहले एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट के सिंगल जज बेंच ने एमफिल और पीएचडी पाठ्यक्रमों को लेकर जेएनयू की नयी दाखिला नीति को चुनौती देने वाली कुछ छात्रों की याचिका को खारिज कर दिया था.
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि इन पाठ्यक्रमों के लिए यूजीसी के दिशा-निर्देश सभी विश्वविद्यालयों पर लागू होते हैं.