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मेट्रो स्टेशनों पर मुफ्त पेयजल क्यों नहीं देता डीएमआरसी: हाईकोर्ट

अदालत ने कहा कि मेट्रो का व्यवहार इस तरह का है जैसे उसके सामने कोई प्रतिस्पर्धा ही नहीं हो

Bhasha

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन (डीएमआरसी) से पूछा है कि वो मेट्रो स्टेशनों पर यात्रियों को साफ-सफाई और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए पैसे क्यों वसूलता है.


सोमवार को डीएमआरसी के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि वह स्टेशनों पर एक रुपए प्रति गिलास के मामूली शुल्क पर पेयजल उपलब्ध करवा रहे हैं. इसके अलावा हर दिन इसमें वो बेहतर सेवाएं जोड़ते जा रहे हैं. इसपर अदालत ने मेट्रो को लताड़ते हुए कहा कि उसका व्यवहार इस तरह का है जैसे उसके सामने कोई मुकाबला (प्रतिस्पर्धा) ही नहीं हो.

पेयजल तो आपको मुफ्त में देना चाहिए

जस्टिस संजीव सचदेवा ने कहा, ‘आप कौन सी सेवाएं दे रहे हैं? जहां मुकाबला नहीं होती वहां कोई सेवा भी नहीं होती. आपके सामने कोई कॉम्पिटीटर आ जाएगा तो आप सभी सेवाएं देने लगेंगे. आप एक रुपए शुल्क क्यों ले रहे हैं? पेयजल तो आपको मुफ्त में देना चाहिए.’

अदालत कुश कालरा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें शिकायत की गई कि दिल्ली मेट्रो यहां के किसी भी स्टेशन पर शौचालय, पेयजल और कचरे के डिब्बे जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाता है.

अदालत ने याचिकाकर्ता को अतिरिक्त हलफनामा दायर करने के लिए समय दिया है. इस मामले को 21 अगस्त के लिए लिस्टेड कर लिया.