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हाईकोर्ट ने पूछा- महिला पर लगे रेप केस में दो साल से क्यों अटका है फैसला?

हाईकोर्ट ने कहा कि उन्होंने इससे पहले भी इस पर सवाल खड़े किए थे कि कोई महिला बलात्कार और छेड़छाड़ के आरोप का सामना कैसे कर सकती है

Bhasha

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक फास्ट ट्रैक अदालत से पूछा है कि उन्होंने एक महिला पर लगे रेप के मामले में 2016 के अक्टूबर में आदेश सुरक्षित रखने के बाद अब तक फैसला क्यों नहीं सुनाया है.

दिल्ली हाईकोर्ट की मुख्य कार्यवाहक न्यायाधीश गीता मित्तल और जस्टिस सी हरिशंकर ने इस मामले में पश्चिमी दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र की सुनवाई अदालत के तथ्यों को खारिज कर दिया. इस मामले में महिला को जमानत दी गई है, लेकिन वह 10,000 का निजी मुचलका जमा नहीं करा पाई. इस मामले में अब तक निर्णय नहीं आया है.


हाईकोर्ट ने कहा कि उन्होंने इससे पहले भी इस पर सवाल खड़े किए थे कि कोई महिला बलात्कार और छेड़छाड़ के आरोप का सामना कैसे कर सकती है क्योंकि कानून के तहत उन्हें इस मामले में आरोपी नहीं बनाया जा सकता है.

फास्ट ट्रैक अदालत से कहा गया कि वह सुनवाई की अगली तारीख छह अगस्त तक हाईकोर्ट के सामने इस बलात्कार मामले की स्थिति के बारे में जानकारी पेश करें.