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दिल्ली सरकार ने EPCA से एनसीआर में जीआरएपी को लागू करने के लिए मांगी सलाह

परिवहन मंत्री ने पत्र में लिखा है कि जबतक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में जीआरएपी उपाय लागू नहीं किए जाते तबतक दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के स्तर को नीचे नहीं लाया जा सकता

FP Staff

दिल्ली सरकार ने ईपीसीए को पत्र लिखकर उससे राष्ट्रीय राजधानी परिक्षेत्र के शहरों को ऑड-ईवन योजना समेत ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (जीआरएपी) के उपायों को लागू करने की सलाह देने का अनुरोध किया है.

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने ईपीसीए अध्यक्ष भूरेलाल को पत्र लिखकर कहा है कि दिल्ली में जीआरएपी उपायों का क्रियान्वयन तबतक प्रभावी नहीं होगा जबतक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भी ऐसे ही उपाय नहीं अपनाए जाते.


पिछले हफ्ते एनसीआर में विकराल रुप अख्तियार कर चुके वायु प्रदूषण स्तर से दिल्ली के अलावा गुड़गांव, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद समेत विभिन्न शहरों के लाखों बाशिंदे भी प्रभावित हुए थे.

गहलोत ने पत्र में लिखा है कि जबतक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के शहरों में जीआरएपी उपाय लागू नहीं किए जाते तबतक दिल्ली और पड़ोसी शहरों में वायु प्रदूषण के स्तर को नीचे नहीं लाया जा सकता. उन्होंने ईपीसीए से इन शहरों को जीआरपीए उपायों को लागू करने की सलाह देने का अनुरोध किया.

सुप्रीम कोर्ट द्वारा अधिकृत ईपीसीए ने लगातार दूसरे दिन वायु की गुणवत्ता आपात श्रेणी से बाहर रहने पर दिल्ली-एनसीआर में निर्माण गतिविधियों एवं ट्रकों के प्रवेश पर रोक, पार्किंग फीस में वृद्धि समेत जीआरएपी उपायों से हाथ खींच लिए. घने कोहरे के साथ प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच जाने के बाद आठ नवंबर को जीआरएपी के तहत ये उपाय किए गए थे.

गहलोत ने यह भी आरोप लगाया कि ईपीसीए एनसीआर के दायित्वों को लेकर चुप है लेकिन ऑड-ईवन योजना पर कथित हीलाहवाली को लेकर आलोचना की गई.

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार 13 नवंबर से ऑड-ईवन योजना लागू करने को इच्छुक थी लेकिन महिलाओं एवं दोपहिया वाहनों को छूट देने से एनजीटी के इनकार के बाद ऐसा नहीं कर पाने को अनावश्यक रुप से हीला-हवाली के रुप में पेश किया गया. उन्होंने कहा कि ईपीसीए ने इस संबंध में एनसीआर के दायित्वों पर चुप रहकर इस विषय में मदद नहीं की है.