दिल्ली सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए एक अहम फैसला लिया है. दिल्ली सरकार के नए रेगुलेशन के मुताबिक, मरीजों को अस्पताल की दुकानों से दवा खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है. अभी तक मरीजों को अस्पताल की दवा दुकानों से ही दवा लेनी पड़ती है. ऐसे में उन्हें कई बाहर ज्यादा पैसा चुकाना पड़ता है क्योंकि उन्हें किसी तरह की कोई छूट नहीं मिलती. कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में जो अस्पताल की दवा दुकानों से इंजेक्शन लेने पर बाहर के मुकाबले दोगुना दाम चुकाना पड़ता है.
दिल्ली सरकार ने अपने गाइडलाइंस में यह भी कहा है कि अगर कोई मरीज इलाज का पूर खर्च नहीं चुका पाया है तो भी अस्पताल उसे शव ले जाने से नहीं रोक सकते हैं. इतना ही नहीं सरकार का निर्देश है कि किसी भी सूरत में इमरजेंसी के मरीजों को अस्पताल से नहीं लौटाया जा सकता.