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12वीं बोर्ड के छात्रों को इस बार नहीं मिलेंगे 'ग्रेस मार्क्स'

सीबीएसई ने एक अहम फैसले में मॉडरेशन नीति को खत्म करने की घोषणा की.

FP Staff

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने एक अहम फैसले में मॉडरेशन नीति को खत्म करने की घोषणा की. आपको बता दें कि इसके तहत छात्रों को मुश्किल सवालों के लिए ग्रेस अंक दिए जाते रहे हैं. उच्च स्तरीय बैठक के दौरान यह फैसला किया गया.


मॉडरेशन नीति के अनुसार परीक्षार्थियों को खास प्रश्नपत्र में सवालों के कठिन प्रतीत होने पर 15 प्रतिशत अतिरिक्त अंक दिए जाते थे. हालांकि अगर कोई छात्र कुछ नंबर से परीक्षा पास करने से रह जाता है तो ऐसे में ग्रेस अंक देकर पास करने का प्रावधान जारी रहेगा. माना जा रहा है ये कदम 12वीं बोर्ड एग्जाम में मार्क्स और अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम्स में कट-ऑफ को नीचे लाने के लिए उठाया गया है.

टाइम्स ऑफ इंडिया पर छपी खबर के मुताबिक, एचआरडी मंत्रालय ने 12 अप्रैल को तय किया था कि वो छात्रों को दिया जा रहे ग्रेस मार्क्स को हटाने के लिए राज्यों से चर्चा करेगा.

सोमवार को एचआरडी मंत्रालय में सचिव अनिल स्वरूप के नेतृत्व में हुई बैठक में अलग-अलग राज्यों और बोर्ड्स के शिक्षा सचिव और चेयरपर्सन्स ने हिस्सा लिया. वहीं बैठक में मौजूद एक सदस्य ने कहा कि इस साल 12वीं क्लास के छात्रों को ज्यादा रिएलिस्टिक दिए जाएंगे.