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दीपक मिश्रा बने 45वें चीफ जस्टिस, इन फैसलों ने बनाया चर्चित

जस्टिस दीपक मिश्रा के शपथग्रहण समारोह में पीएम मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उप-राष्ट्रपति वैंकेया नायडू मौजूद रहे.

FP Staff

जस्टिस दीपक मिश्रा ने सोमवार को देश के 45वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लिया. राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस मिश्रा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.

जस्टिस दीपक मिश्रा का कार्यकाल 13 महीने 6 दिन यानी 3 अक्टूबर 2018 तक होगा. बता दें कि मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जेएस खेहर रविवार को रिटायर हो गए हैं. हालांकि, शनिवार और रविवार को सुप्रीम कोर्ट की छुट्टी होने के चलते शुक्रवार को ही उनका आखिरी वर्किंग डे रहा.


मिश्रा के शपथग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी और उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू भी मौजूद रहे.

न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा सीजेआई बनने वाले ओडिशा के तीसरे न्यायाधीश होंगे. उनसे पहले ओडिशा के न्यायमूर्ति रंगनाथ मिश्रा और न्यायमूर्ति जीबी पटनायक भी सीजेआई रह चुके हैं.

आधी रात खोले थे SC के दरवाजे

जस्टिस मिश्रा याकूब मेमन पर दिए अपने फैसले के लिए खास तौर पर जाने जाते हैं. इस मामले की सुनवाई के लिए उन्होंने आधी रात को सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खोले थे. उन्होंने इस मामले में रात भर सुनवाई की थी और सुबह करीब चार बजे याकूब मेमन की फांसी पर रोक लगाने से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया था. अगली सुबह मेमन को फांसी दे दी गई थी.

इसके अलावा जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने ही साल 2012 के बहुचर्चित निर्भया गैंगरेप के दोषियों की फांसी की सजा को बरकरार रखा था. जस्टिस मिश्रा ने ही सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान बजाने के संबंध में फैसला दिया था.

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी रहे

जस्टिस मिश्रा पटना और दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी रह चुके हैं. तीन अक्टूबर 1953 को जन्मे न्यायमूर्ति मिश्रा को 17 फरवरी 1996 को उड़ीसा हाईकोर्ट का एडिशनल जज बनाया गया था. तीन मार्च 1997 को उनका तबादला मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में कर दिया गया. उसी साल 19 दिसंबर को उन्हें स्थाई नियुक्ति दी गई.

चार दिन बाद 23 दिसंबर 2009 को उन्हें पटना हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया और 24 मई 2010 को दिल्ली हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया. वहां रहते हुए उन्होंने पांच हजार से ज्यादा मामलों में फैसले सुनाए और लोक अदालतों को ज्यादा प्रभावशाली बनाने के प्रयास किए. उन्हें 10 अक्टूबर 2011 को प्रमोट करके सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था. जस्टिस मिश्रा ने ही देशभर के सिनेमाघरों में राष्ट्रगान के आदेश जारी किए थे.

(साभार न्यूज 18)