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केरल: बाढ़ से हुई मौतों की संख्या 37, बेघर होने वालों का आंकड़ा 54 हजार

बाढ़ से अत्यधिक प्रभावित राज्य के कुल 14 जिलों में से सात उत्तरी जिलों में थलसेना की पांच टुकड़ियां तैनात की गई हैं ताकि लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाने और अस्थायी पुलों के निर्माण में मदद मिले

FP Staff

केरल में विनाशकारी बाढ़ का कहर जारी है. बाढ़ से मरने वालों की संख्या 37 हो गई है. केरल के आधे से ज्यादा हिस्से में भीषण बाढ़ के कारण बांध, जलाशय और नदियां लबालब भरी हुई हैं. कई जगहों पर राजमार्ग ध्वस्त हो गए हैं. अनेक घर पानी में बह गए हैं. पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण करीब 54,000 लोग बेघर हो गए हैं.

बाढ़ से अत्यधिक प्रभावित राज्य के कुल 14 जिलों में से सात उत्तरी जिलों में थलसेना की पांच टुकड़ियां तैनात की गई हैं ताकि लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाने और अस्थायी पुलों के निर्माण में मदद मिले. पेरियार नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद भारतीय नौसेना की दक्षिणी कमान को अलर्ट पर रखा गया है. आशंका है कि कोच्चि स्थित वेलिंगडन द्वीप के कुछ हिस्से पूरी तरह जलमग्न हो सकते हैं. अधिकारियों ने बताया कि राज्य की लगभग सभी 40 नदियां उफान पर हैं.

बीते आठ अगस्त से ही हो रही भारी मॉनसूनी बारिश के कारण उत्तरी एवं मध्य केरल अत्यधिक प्रभावित हैं. केरल के अधिकारियों ने बताया कि राज्य के 439 राहत शिविरों में कुल 53,501 लोगों को रखा गया है.

कई जगहों पर सड़कें धंस जाने के कारण पर्यटकों को पर्वतीय इडुक्की जिले में दाखिल होने से रोका गया. कोझिकोड और वायनाड में विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए थलसेना के जवान छोटे-छोटे पुल बना रहे हैं. इडुक्की जलाशय से और ज्यादा पानी जारी होने की संभावना के मद्देनजर इडुक्की और इससे सटे जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया.

24 विदेशियों सहित 50 पर्यटकों को सुरक्षित जगह पर लाया गया

केरल के पर्यटन मंत्री के सुरेंद्रन ने बताया कि 24 विदेशियों सहित कम से कम 50 पर्यटक बुधवार से ही मन्नार के प्लम जूडी रिजॉर्ट में फंसे हुए थे और उन्हें वहां से निकालकर सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है. कोच्चि में पेरियार नदी और इडुक्की में चेरुथोनी नदी की नीचे की धारा की तरफ की जगहों पर रहने वाले लोगों को तटों के जलमग्न होने की चेतावनी दी गई है.

राज्य के 58 बांधों में से 24 के जलाशयों की अधिकतम भंडारण क्षमता पार हो गई है, जिसके कारण अधिकारियों को स्लुइस गेट खोलकर पानी छोड़ना पड़ा. करीब 26 साल के बाद शुक्रवार को एक शटर खोला गया.

शनिवार सुबह केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने थलसेना, नौसेना, वायुसेना, तटरक्षक बल और एनडीआरएफ की ओर से चलाए जा रहे बाढ़ राहत कार्यों और बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इडुक्की बांध में जल स्तर बढ़ने के कारण अभी छोड़े जा रहे पानी की तुलना में तीन गुना ज्यादा पानी छोड़ना जरूरी हो गया है. इससे पेरियार नदी और इसकी सहायक नदियों में जलस्तर बढ़ेगा. लोगों को चौकस रहना चाहिए.

राजनाथ सिंह रविवार को करेंगे केरल के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा

विजयन ने 12 अगस्त तक के अपने सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है और राज्य की राजधानी से वह हालात पर नजर रखे हुए हैं.

केंद्रीय मंत्री केजे अल्फॉन्स ने कहा कि उन्होंने शनिवार सुबह गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ केरल में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की. राजनाथ ने विजयन से भी बात की और वह रविवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे.

अल्फॉन्स ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि भारत सरकार सशस्त्र बलों, आपदा प्रबंधन टीम की सेवाएं मुहैया करा रही है और अन्य जरूरी सहायता भी प्रदान कर रही है.

इस बीच, केरल के राजस्व मंत्री ई चंद्रशेखरन ने बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की और कहा कि कोच्चि हवाईअड्डे के पास एहतियाती कदम उठाए जाएं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल मुख्यमंत्री विजयन से बात की थी और प्रभावितों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया था.

मुख्यमंत्री ने किया 1 लाख रुपये का योगदान

केरल में बारिश से हुई व्यापक क्षति को देखते हुए मुख्यमंत्री पी विजयन ने मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में एक लाख रुपये का व्यक्तिगत योगदान दिया है. विजयन ने फेसबुक पोस्ट में राहत कार्यों में हर किसी से योगदान करने की अपील की और कहा कि प्रभावित क्षेत्रों का पुनर्निर्माण कठिन कार्य है. मुख्यमंत्री ने हर किसी से संकट की इस घड़ी में राज्य के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने की अपील की.

(इनपुट भाषा से)