मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में अवैध प्रयोगशाला में एक ऐसा जहर बन रहा था, जो तकरीबन 50 लाख लोगों की कुछ ही पलों में जान ले सकता था. डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू (डीआएआई) के सप्ताहभर चले अभियान में फेंटानिल नामक एक खतरनाक केमिकल बरामद हुआ है. इसके बाद से ही वैज्ञानिक ये सोचने पर मजबूर हो रहे हैं कि क्या ये किसी केमिकल युद्ध की तैयारी थी?
इसे सुनकर लगता है कि जैसे वीकेंड पर हॉलीवुड की साइंस-फिक्शन फिल्म देख रहे हों. एक हारे हुए देश ने बदले की आग में जलते हुए दुश्मन देश को नेस्तनाबूद करने की ठान ली हो. मैदानी जंग में जीत नहीं सका तो केमिकल युद्ध ही सही. कुछ विषाणु वहां की मिट्टी में मिला दिए गए और खेल खत्म. सात समुंदर पार बनी ये फिल्म आपके देश में हकीकत की शक्ल लेने जा रही थी. इंदौर में एक प्रयोगशाला से एक घातक सिंथेटिक ओपियॉड पकड़ा गया. आपको बता दें कि लगभग 9 किलोग्राम फेंटानिल 50 लाख लोगों की मिनटों में जान ले सकता था.
डीआएआई, डिफेंस रिसर्च और डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट की सप्ताहभर चली संयुक्त कोशिश से ये छापामारी हो सकी. घनी आबादी वाले शहर की एक स्थानीय लैब में बनाए जा रहे फेंटानिल की ताकत का अंदाजा इतने भर
से लगाया जा सकता है कि ये हेरोइन से भी 50 गुना ज्यादा खतरनाक है. यहां तक कि इसे केवल कुछ सेकेंड्स सूंघना एक स्वस्थ इंसान को मिनटों में मौत के मुंह में ले जा सकता है. फिलहाल इस केमिकल का इस्तेमाल अस्पताल में ऑपरेशन के बाद का असहनीय दर्द दूर करने और शरीर को सुन्न करने के लिए किया जाता रहा है.
छापे में पता चला कि स्थानीय बिजनेसमैन और 'यूएस-हेटिंग' पीएचडी शोधार्थी द्वारा ये लैब चलाया जा रहा था. साथ में एक मैक्सिकन नागरिक को भी इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है. फिलहाल जांच और पूछताछ चल रही है, ताकि अवैध तौर पर भारी मात्रा में इतना जहरीला केमिकल बनाने के पीछे का मकसद पता चल सके.