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डीडीए हाउसिंग स्कीम 2017 क्यों फ्लॉप शो साबित हो रहा है?

डीडीए स्कीम के तहत फ्लैटों के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 11 अगस्त निर्धारित की गई है.

Ravishankar Singh

डीडीए हाउसिंग स्कीम 2017 लॉन्च हुए लगभग एक महीने बीत चुके हैं. इस एक महीने में अब तक सिर्फ 60 हजार फॉर्म ही बिके हैं. बिके हुए फॉर्म में से सिर्फ पांच हजार लोगों ने ही अब तक आवेदन किया है.

डीडीए फॉर्म की बिक्री नहीं होने का कारण भी खुद डीडीए को ही माना जा रहा है. डीडीए ने आवासीय योजना 2017 में घर लौटाने को लेकर कड़ी शर्त रख रखी है.


डीडीए ने फ्लैट लौटाने पर 25 प्रतिशत से 100 फीसदी तक आवेदन राशि जब्त करने का प्रावधान रखा है. इस कड़ी शर्त की वजह से अधिकांश बैंक लोन नहीं दे रहे हैं. एक-दो बैंक अपने पुराने ग्राहकों को लोन दे भी रहे हैं तो वो भी कड़ी शर्तों के साथ.

हम आपको बता दें कि डीडीए हाउसिंग स्कीम में 11 हजार फ्लैट ऐसे हैं, जो लोगों ने साल 2014 में लेने से इंकार कर दिए थे. इसकी संभावना इस बार ज्यादा है कि फ्लैट निकलने के बाद लोग लेने से इंकार कर दें. अगर बैंक आवेदन राशि का लोन देती है तो उसकी रकम डीडीए द्वारा जब्त किए जाने की संभावना हमेशा बनी रहेगी.

प्लौट के आवेदन की अंतिम तारीख

डीडीए सूत्रों के मुताबिक डीडीए आवासीय योजना 2017 में लोगों की उदासी को देखते हुए आवेदन की अंतिम तारीख बढ़ाने पर भी विचार कर रहा है. डीडीए स्कीम के तहत फ्लैटों के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 11 अगस्त निर्धारित की गई है. बता दें कि डीडीए ने साल 2014 में हाउसिंग स्कीम निकाली थी, उस समय 15 लाख आवेदन फॉर्म बिके थे.

इस बार के हाउसिंग स्कीम में बैंक द्वारा लोन देने में आनाकानी और डीडीए के रवैये ने लोगों को निराश किया है. मकान खरीदने वाले लोगों को अब डीडीए आवासीय योजना से मोह भंग होना शुरू हो गया है.

डीडीए ने 30 जून को नया हाउसिंग स्कीम लॉन्च किया था. इसके लिए लगभग पांच लाख फॉर्म छपवाए गए थे. ब्रोशर की कीमत 200 रुपए निर्धारित की गई थी.

इससे पहले हाउंसिंग स्कीम 2014 में इसकी कीमत 150 रुपए थी. इस बार के ब्रोशर में खास बात ये है कि इसमें फ्लैट का इंटरनल डिजाइन भी छपा हुआ है. माना यह जा रहा है कि पुराने फ्लैट्स होने के कारण लोग अभी तक साल 2017 के हाउसिंग स्कीम में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं.

फ्लैट बायर्स की बढ़ी असंख्य

हलांकि, ऑनलाइन फॉर्म लाखों में डाउनलोड हो चुके हैं. लेकिन, इसका मुख्य कारण उसका मुफ्त होना माना जा रहा है. बता दें कि ऑनलाइन फॉर्म भरने वाले लोगों के लिए फॉर्म जमा कराते वक्त फॉर्म की कीमत 200 रुपए चुकानी होगी.

दिल्ली में फ्लैट खरीदने के इच्छुक लोगों की तदाद काफी संख्या में है. दिल्ली डेवलेपमेंट अथॉरिटी यानी डीडीए ने हाउसिंग स्कीम 2017 लॉन्च करते वक्त दिल्ली के लोगों का विशेष ख्याल रखने की बात कही थी.

इस स्कीम में 12 हजार 72 फ्लैट्स हैं. डीडीए फ्लैट्स में से ज्यादातर रोहिणी, द्वारका, नरेला, वसंत कुंज और जसोला में हैं.

डीडीए ने बिचौलिए पर लगाम लगाने और बाजार की अटकलों की जांच करने के लिए इस बार कई स्तरों पर जुर्माना लगाने की व्यवस्था की थी.

डीडीए के एक अधिकारी के अनुसार अगर कोई खरीदार ड्रॉ निकलने की तारीख से पहले अपना आवेदन वापस लेता है तो उसके रजिस्ट्रेशन फीस से कोई राशि काटी नहीं जाएगी.

अगर कोई खरीदार ड्रॉ तारीख के बाद लेकिन डिमांड लेटर जारी होने से पहले ऐसा करता है तो रजिस्ट्रेशन फीस की 25 फीसदी राशि जब्त कर ली जाएगी और अगर डिमांड लेटर जारी होने के बाद 90 दिनों के भीतर फ्लैट लौटाया जाता है, तो 50 फीसदी फीस जब्त कर ली जाएगी. इसके बाद की अवधि के लिए पूरी रजिस्ट्रेशन फीस जब्त कर ली जाएगी.

बता दें डीडीए हर साल हाउसिंग स्कीम को लॉन्च करता है. इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से आवेदन मंगाए जाते हैं. विजेताओं की सूची ड्रॉ द्वारा निकाली जाती है.

डीडीए प्लैट का गिरता लेवल

डीडीए अगले पांच साल तक हर साल करीब 20 हजार फ्लैटों की नई आवासीय योजना ले कर आने की बात कर रही है. लेकिन, डीडीए फ्लैटों के गिरते स्तर और बढ़ते दाम को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं जिसका जवाब डीडीए को देना चाहिए.

डीडीए की अगली आवासीय योजना दिसंबर 2018 में लॉन्च करने की प्लानिंग है. डीडीए कोशिश कर रही है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को दिल्ली में अपना घर नसीब हो सके. लेकिन, खरीददारों की उदासी ने डीडीए को अपने ही बनाए नियम-कायदे पर फिर से सोचने को मजबूर कर दिया है.