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राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉ एविएशन सुहेल सेठ को देती थी हर साल 1.4 करोड़

सुहेल सेठ ने साफ किया कि दसॉ के साथ उनका कार्य राफेल जेटों की बिक्री के लिए रक्षा मंत्रालय के साथ कीमत और डिजाइन के लिए मोल भाव करना नहीं था

FP Staff

#MeToo में लगे आरोपों के बाद टाटा संस कंपनी से सलाहकार पद से हटाए गए सुहेल सेठ को लेकर एक और खुलासा हुआ है. 2011 में जब यूपीए सरकार के दौरान रक्षा मंत्रालय ने 126 राफेल लड़ाकू विमानों के लिए दसॉ का चयन किया था, तभी इस कंपनी ने अपनी ब्रांडिंग के लिए सुहेल सेठ को चार साल के लिए हायर किया था.

कंसल्टेंसी कंपनी काउंसलेज इंडिया के मैनेजिंग पार्टनर सुहेल सेठ को दसॉ एविएशन ने 12 लाख रुपए प्रति महीने यानी 1.4 करोड़ सलाना की सैलरी पर हायर किया था. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, दसॉ एविएशन के लिए काम करने को स्वीकारते हुए सुहेल सेठ ने कहा कि 2011 से 2015 तक उन्होंने कंपनी के लिए काम किया. दसॉ ने काउंसलेज को ब्रांड बिल्डिंग के लिए और ओलिग्वी पीआर को पब्लिक रिलेशन के मामले को भारत में देखने के लिए हायर किया था.


सेठ ने कहा कि काउंसलेज इंडिया का हेड होने के नाते मुझे दसॉ एविएशन ने कंपनी की ब्रांड बिल्डिंग करने के लिए हायर किया. उन्होंने कहा कि वह सीएसआर के लिए किए जाने वाले कार्यों के साथ-साथ कंपनी के विज्ञापन और ब्रांडिंग की निगरानी करते थे.

हालांकि, उन्होंने साफ किया कि दसॉ के साथ उनका कार्य राफेल जेटों की बिक्री के लिए रक्षा मंत्रालय के साथ कीमत और डिजाइन के लिए मोल भाव करना नहीं था. यह करार 2016 में खत्म हो गया था.

उन्होंने बताया कि राफेल सौदे में मेरा रोल जीरो था. मैं ज्यादातर ब्रांड पर ही फोकस था. सेठ ने कहा कि मैं कंपनी के लिए खरीद-बिक्री का काम नहीं करता था. सेठ ने साफ किया कि मैं जो कुछ कमाया वह दसॉ ने मुझे चेक के जरिए दिया. इसका जिक्र टैक्स डिटेल्स में भी है.