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दार्जिलिंग: जीजेएम ने किया अनिश्चितकालीन बंद का एलान, 3 हिरासत में

अनिश्चितकालीन आंदोलन से जीजेएम ने शुरू किया असहयोग आंदोलन.

Bhasha

दार्जिलिंग में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के अनिश्चितकालीन बंद के आह्वान के बाद 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

अलग गोरखालैंड की मांग और ममता सरकार के बांग्ला भाषा की अनिवार्यता के चलते दार्जिलिंग में अस्थिर माहौल बना हुआ है. अब गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने दार्जीलिंग हिल्स में सोमवार से सरकारी और गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) के कार्यालयों को अनिश्चितकाल के लिए बंद रखने का आह्वान किया है.

जीजेएम ने स्कूलों, कॉलेजों, ट्रांसपोर्ट, होटलों को बंद के दायरे से बाहर रखा है और उसने कहा कि बैंक सप्ताह में केवल दो दिन खुले रहेंगे. जीजेएम नेतृत्व ने गोरखालैंड की मांग पर ध्यान देने का अनुरोध करते हुए केंद्र को पत्र लिखा है.

बंगाली नोटिसबोर्डों को हटाने के निर्देश

जीजेएम महासचिव रोशन गिरी ने संगठन की केंद्रीय समिति की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘सोमवार से जीटीए कार्यालय, बैंक और सरकारी कार्यालय अनिश्चिकाल तक बंद रहेंगे. सार्वजनिक लेनदेन के लिए बैंक सप्ताह में दो बार खुले रहेंगे. हमने स्कूलों, कॉलेजों, परिवहन, होटलों को बंद के दायरे से बाहर रखा है.’

साथ ही उन्होंने घोषणा की कि दार्जीलिंग, कलिंपोंग, कुर्सियांग, मिरिक, सिलीगुड़ी, तराई और दोआर क्षेत्र से बंगाली में लिखे सभी नोटिसबोर्ड हटाए जाएंगे. केवल अंग्रेजी और नेपाली में लिखे नोटिसबोर्ड रहने दिए जाएंगे.

गिरी ने कहा, ‘हम जीटीए कार्यालयों में नहीं जाएंगे. हिल्स में एक सप्ताह में तीन बार हम टॉर्च रैली का आयोजन करेंगे.’

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के लीडर बिमल गुरुंग अपने समर्थकों के साथ मीटिंग करते हुए.

असहयोग आंदोलन की शुरूआत

गुरंग ने राज्य सरकार के साथ ‘असहयोग आंदोलन’ चलाने का भी आह्वान किया और राज्य सरकार पर दार्जीलिंग हिल्स से संसाधनों को लूटने और उसे मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा कि दार्जिलिंग हिल्स में आंदोलन तब तक नहीं रुकेगा जब तक एक अलग गोरखालैंड नहीं बन जाता. अगर टीएमसी आग से खेलना चाहती है तो उन्हें पछताना पड़ेगा.

उन्होंने कहा, ‘हम लोगों से राज्य सरकार के साथ सहयोग ना करने की अपील करेंगे. वह हिल्स से बहुत ज्यादा संसाधन छीन रही है और हिल्स के लोगों को क्या मिल रहा है? हमें कुछ नहीं मिल रहा है. इसे रोकना होगा. हम अपनी आजादी के लिए लड़ेंगे और हिल्स में विभाजनकारी राजनीति को होने नहीं देंगे.’

कर्मचारियों की परेशानी

इस घोषणा के बाद कर्मचारी परेशानी में हैं क्योंकि टीएमसी सरकार ने आंदोलन जारी रहने तक अपने सभी कर्मचारियों और सरकारी सहायता प्राप्त संस्थानों के कर्मचारियों को रोज कार्यालय जाने का आदेश दिया है और चेतावनी जारी की है कि ड्यूटी से उनकी अनुपस्थिति को सेवा में अंतराल माना जाएगा.

सरकारी सूचना में कहा गया है, ‘दार्जिलिंग और कलीमपोंग जिलों में राज्य सरकार के सभी कार्यालय खुले रहेंगे और सभी कर्मचारी प्रतिदिन ड्यूटी पर आएं. अनुपस्थिति सेवा में कमी मानी जाएगी और ठोस आधार नहीं होने पर वेतन भी नहीं दिया जाएगा.’

पर्यटक छोड़ रहे हैं इलाका

हालांकि, इससे पहले जीजेएम सुप्रीमो बिमल गुरंग ने कहा था कि वह हड़ताल के हक में नहीं हैं. गुरूंग ने ‘अप्रिय’ घटनाओं की आशंका के चलते पर्यटकों को पहाड़ी इलाके से निकल जाने को कहा है.

अब पर्यटक हिल्स छोड़ रहे हैं. बंद और माहौल में अस्थिरता के चलते उन्हें बहुत मुश्किलें आ रही हैं. यहां तक कि वो ये भी कह रहे हैं कि अब वो दार्जिलिंग आने से पहले दो बार सोचेंगे.