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दार्जिलिंग में जीजेएम ने दी ईद पर 12 घंटे की ढील

सोमवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल का 11वां दिन है

Bhasha

अनिश्चितकालीन बंद के दौरान सोमवार को 11वें दिन दार्जिलिंग में तनाव जारी रहा. लेकिन इस दौरान यहां कोई अप्रिय घटना नहीं हुई. वहीं, रुख में बदलाव करते हुए जीजेएम ने सोमवार को बंद में मुस्लिमों के लिए 12 घंटे की ढील देने का फैसला किया ताकि वे ईद मना सकें.

सुरक्षा बलों ने सड़कों पर गश्त लगाई. पहाड़ियों में दवा की दुकानों को छोड़कर अन्य दुकान और बाजार बंद रहे और इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं.


गोरखा जनमुक्ति मोर्चा जीजेएम के नेतृत्व ने पहाड़ों में सोमवार को ईद मनाने के लिए मुस्लिम समुदाय को 12 घंटे की ढील देने का फैसला किया. हालांकि, इससे पहले पार्टी प्रमुख बिमल गुरंग ने घोषणा की थी कि बंद के दौरान इस तरह की कोई राहत नहीं होगी.

मुस्लिम समुदाय को दी जाएगी 12 घंटे की ढील

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'पहाड़ियों में मुस्लिम समुदाय को 26 जून को सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक 12 घंटे की ढील दी जाएगी ताकि वे ईद मना सकें.' मुस्लिम समुदाय स्टिकरों के साथ वाहनों का इस्तेमाल भी कर सकता है, जिसमें वे बता सकते हैं कि वे किस उद्देश्य से मैदानी इलाकों में जा रहे हैं और अपने रिश्तेदारों से मिल सकते हैं.

नेता ने कहा, 'दुकान और बाजार बंद रहेंगे और कोई भी कार दार्जिलिंग में नहीं आ सकेगी और न ही दार्जिलिंग के बाहर जा सकेगी. बंद वैसे ही जारी रहेगा, जैसे पिछले 10 दिनों से चल रहा था.' जीजेएम ने पहाड़ियों के बोर्डिंग स्कूलों के लिए भी इसी तरह 12 घंटे के बंद में ढील दी थी ताकि फंसे हुए छात्रों को वहां से निकाला जा सके.

हम गोरखालैंड चाहते हैं

इस बीच, सिंघमारी में जीजेएम मुख्यालय को आज खोला गया. यह 15 जून को पुलिस की छापेमारी के बाद से बंद था.

जीजेएम के वरिष्ठ नेताओं और समर्थकों ने चौक बाजार से जीजेएम मुख्यालय तक रैली निकाली और 'हम गोरखालैंड चाहते हैं' के नारों के साथ इसे खोला.

जीजेएम समर्थकों ने अन्य जुलूस में भी हिस्सा लिया. इस बीच, अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल सोमवार 11 वें दिन में प्रवेश कर गई. आंदोलनकारी पश्चिम बंगाल से काटकर अलग गोरखालैंड राज्य बनाने की मांग कर रहे हैं.

एक वीडियो संदेश में शनिवार रात गुरंग ने लोगों से सड़कों पर उतरने की अपील की थी, लेकिन लोगों को चेताया था कि दूसरे दलों के नेता गोरखालैंड आंदोलन के साथ विश्वासघात करने का प्रयास कर सकते हैं.

उन्होंने अपने संदेश में कहा था, 'हम सिर्फ गोरखालैंड के मुद्दे पर बातचीत करने को तैयार हैं, किसी और वैकल्पिक फार्मूले पर बातचीत नहीं होगी. एक बात ध्यान में रखें कि सबको एक दिन मरना है. या तो मेरा शव घर जाएगा या मैं गोरखालैंड के साथ लौटूंगा.' इस बीच, इंटरनेट सेवाएं लगातार आठवें दिन निलंबित रहीं.

दुकानदारों को होगा भारी नुकसान

इस बीच, सिलिगुड़ी में 'आमरा बंगाली' नाम के एक संगठन ने जीजेएम के अलगाववादी आंदोलन के खिलाफ रैली निकाली.

संगठन के एक कार्यकर्ता ने कहा, 'दार्जिलिंग की पहाड़ियां बंगाल का हिस्सा हैं. अलग राज्य की मांग करने वाले वो जीजेएम कौन हैं.' सिलिगुड़ी में लोकप्रिय हांगकांग बाजार के व्यापारियों ने भारी नुकसान की शिकायत की क्योंकि पर्यटकों का आना थम गया है.

एक कपड़े की दुकान के मालिक ने कहा, 'यह सर्वाधिक व्यस्त सीजन है. दार्जिलिंग जाने वाले या वहां से लौटने वाले पर्यटक हमारी दुकान में आते हैं. लेकिन इस बार, पहाड़ियों में बंद की वजह से हम भारी नुकसान का सामना कर रहे हैं.