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कुछ शर्तों के साथ सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई में डांस बार दोबारा खोलने की दी इजाजत

कोर्ट में सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार ने कहा कि नया कानून संवैधानिक दायरे में आने के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधियों और महिलाओं का शोषण भी रोकता है

FP Staff

डांस बार को लेकर महाराष्ट्र सरकार द्वारा बनाए गए कानून पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना अहम फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक मुंबई में दोबारा से डांस बार खुल सेकेंगे लेकिन इस पर कुछ शर्तें लगाई गई हैं. खबर है कि कोर्ट ने शर्तों के साथ डांस बार खोलने की इजाजत दे दी है. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था. कोर्ट में सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार ने कहा कि नया कानून संवैधानिक दायरे में आने के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधियों और महिलाओं का शोषण भी रोकता है.

कोर्ट ने अश्लील डांस की परिभाषा बरकरार रखी है

डांस बार को दोबारा खोलने के महाराष्ट्र सरकार के कानूनों में बदलाव के साथ सुप्रीम कोर्ट ने इसे मंजूरी दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि डांसर को अलग से टिप नहीं दी जा सकती है और न ही डांसर पर पैसे उछाले जा सकते हैं. वहीं कोर्ट ने अश्लील डांस की परिभाषा बरकरार रखी है. कोर्ट ने बार डांसिग एरिया अलग रखने की शर्त खारिज कर दी है. डांसिग एरिया में सीसीटीवी का नियम भी रद्द कर दिया गया है. वहीं कोर्ट ने कहा कि मुंबई में रात 11.30 बजे तक ही डांस बार खुले रहेंगे. कोर्ट ने सख्त आदेश दिए हैं कि डांस बार में अश्लीलता बिल्कुल नहीं होनी चाहिए.

सरकार ने नए लाइसेंस देने के लिए नियम और कड़े कर दिए थे

बता दें कि इंडियन होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने राज्य सरकार के नए एक्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा था कि समय के साथ अश्लीलता की परिभाषा भी बदल गई है और ऐसा लग रहा है कि मुंबई में मॉरल पुलिसिंग हो रही है. कोर्ट ने कहा था कि जीविका कमाने का अधिकार हर किसी को है. आपको बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदी को हटा दिया था जिसके बाद सरकार ने नए लाइसेंस देने के लिए नियम और कड़े कर दिए थे.

डांस बार सिर्फ शाम 6:30 से रात 11:30 तक ही खुल सकते हैं

नए कानून के अनुसार, डांस बार सिर्फ शाम 6:30 से रात 11:30 तक ही खुल सकते हैं और राज्य में ऐसे किसी भी बार या होटल में शराब नहीं परोसी जाएगी जहां लड़कियां डांस करती हैं. नए नियमों के चलते बार मालिकों को दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है जिसके चलते उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था. अगस्त में हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस एके सिकरी और जस्टिस अशोक भूषण की एक बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि वक्त के साथ अश्लीलता की परिभाषाएं भी बदलती रही हैं.