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मुंबईः साइकिल छोड़, बाइक की सवारी कर रहे हैं 'डब्बावाले'

मुंबई के डब्बावाले पुरानी लूना, बजाज डिस्कवर, होंडा यूनिकॉर्न जैसी गाड़ियों को छोड़ रहे हैं

FP Staff

मुंबई के डब्बावाले दुनिया भर में प्रसिद्ध हो चुके हैं. अपने काम के प्रति समर्पण और तरीकों को लेकर चर्चा में रहते हैं. लेकिन अभी तक यह डब्बा लोकल ट्रेनों से होते हुए ट्रेडिशनल बाइक या साइकिल पर पहुंचाया जा रहा था. अब बदलाव का समय आ चुका है.

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक मुंबई के डब्बावाले पुरानी लूना, बजाज डिस्कवर, होंडा यूनिकॉर्न जैसी गाड़ियों को छोड़ रहे हैं. अब वह ज्यादा तेज चलनेवाली नई गाड़ियां खरीद रहे हैं. इसके पीछे उनका तर्क है कि आखिर कब तक पुराना चलेगा. साथ ही इसमें समय के बचत को भी ध्यान में रखा जा रहा है.


जिम जानेवाले शिवेकर का कहना है कि अब यह बदलाव का समय है. पुरानी पीढ़ी को भी नया होने का समय आ गया है. शिवेकर पिता 50 साल के हैं और वह डिब्बा सर्विस कहते हैं. उसका मानना है कि बुलेट से डिब्बा पहुंचाने में कोई घाटे वाली बात नहीं है.

कम नहीं हुई है साइकिल पर भरोसा करनेवालों की संख्या 

इस काम में उनकी मदद कर रहा है विभिन्न कंपनियों की ओर से मिलनेवाला इएमआई ऑफर. यही नहीं, बाइक एजेंसियों में स्थानीय नेता भी इन डिब्बावालों के लिए पैरवी करते नजर आ रहे हैं. सभी का मानना है कि गियरलेस बाइक के रेंज में ही, लेकिन नई गाड़ी लेने का समय आ गया है. ताकि समय और ऊर्जा का बचत हो सके.

हालांकि ऐसा करनेवाले लोगों की संख्या अभी कम है. अधिकतर डब्बावाले पुरानी बाइक या साइकिल पर ही भरोसा कर रहे हैं. उनका मानना है कि साइकिल को नो इंट्री जोन में भी लगाने में परेशानी नहीं होती है. कई बार जाम लगने पर साइकिल से निकलने में आसानी होती है.

एक डब्बावाले ने कहा कि उनका अभी तक लाइफ इंश्योरेंस नहीं है. ऐसे में खुद को सुरक्षित रखना उनके लिए जरूरी है. इसके लिए साइकिल से बेस्ट ऑप्शन कुछ नहीं हो सकता.