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मोरा चक्रवात बांग्लादेश पहुंचा, भारत में भी तबाही की आशंका

चक्रवात 117 किमी की रफ्तार से बांग्लादेश से टकराया

FP Staff

बंगाल की खाड़ी के पूर्व-मध्य में 'मोरा' चक्रवात निर्मित हो गया है जिसके भारत के पूर्वोत्तर के क्षेत्र की ओर बढ़ने की संभावना है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार अगले 24 घंटों में यह एक तेज चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है और इसकी रफ्तार 100-150 किमी/घंटा रहने की उम्मीद है.

117 किमी की रफ्तार से धरती से टकराया चक्रवात


'मोरा' तूफान मंगलवार की सुबह 6 बजे बांग्लादेश के चटगांव पहुंचा. बांग्लादेश के मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक प्रशासन ने लाखों लोगों को निचले इलाकों से पहले ही निकाल लिया था. वहां तूफान की रफ्तार 117 किमी/घंटा तक थी.

तूफान के जमीन पर पहुंचने के बाद कमजोर पड़ने की उम्मीद है जिसके बाद यह 'डीप डिप्रेशन' के रूप में त्रिपुरा, मिजोरम, नागा लैंड,असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश पहुंचेगा.

एक्युवेदर की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश के तटीय इलाकों में तूफान की आशंका बेहत ज्यादा रहती है और अधिक जनसंख्या होने की वजह से वहां तबाही भी बहुत होती है.

कैसा दिख रहा है तूफान

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के चक्रवात चेतावनी केंद्र,  कोलकाता के वैज्ञानिक गणेश कुमार दस ने डीएनए को बताया, "फिलहाल हालात को देखते हुए इस चक्रवात के और मजबूत होने की संभावना है. इसके असर से भारत की हिस्सों में भारी बारिश (70-110 मिमी) होगी. इसलिए बंगाल लिए मछुआरों को समुद्र में ना जाने की चेतावनी दी गयी है."

क्या-क्या चेतावनियां की गयी जारी

30 मई 2017: अधिकतर जगहों पर तेज़ से लेकर बहुत तेज बारिश, असम के मेघालय के इलाकों में बेहद तेज बारिश

31 मई 2017: अधिकतर इलाकों में बारिश, असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और नागालैंड में बेहद तेज बारिश.

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने मिजोरम और त्रिपुरा में कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचने की चेतावनी जारी की है. बिजली और संचार व्यवस्था को भी कुछ नुकसान पहुँचने की संभावना है. साथ ही फसलों और सड़कों को भी नुकासान होगा.

सरकार ने सुरक्षा के किये इंतजाम

मिजोरम की सरकार ने भी चेतावनी जारी कर लोगों से कहा है कि सभी प्रकार के ज़रूरी सुरक्षा के कदम उठाएं और अनावश्यक बाहर न निकलें क्योंकि बारिश से बाढ़ और भूस्खलन की संभावना है.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय नौसेना को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखा गया है.

बीबीसी के अनुसार, बंग्लादेश के सभी बंदरगाहों पर अधिकतम चेतावनी का अलर्ट जारी कर दिया गया है. वहां के आपदा नियंत्रण विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि हमारा लक्ष्य 10 लाख से अधिक लोगों को निचले इलाकों से निकलने का है ताकि दुर्घटना में किसी की मौत ना हो.

गौरतलब है कि हाल ही में श्रीलंका में आये भारी बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में कम से कम 180 लोगों की मौत हो गयी थी और 100 अन्य लापता हो गए थे.

(तस्वीर प्रतीकात्मक)