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दिल्ली वाले अब हो रहे 'सेक्सटॉर्शन' का शिकार, बिटक्वाइन में दे रहे फिरौती

लोगों को अपनी जाल में फंसाने का इनका कोई फिक्स तरीका नहीं है. कभी मालवेयर के जरिए पीड़ित के कंप्यूटर सिस्टम या नेटवर्क को हैक कर, कभी लड़की बनकर तो कभी लड़कियों को भी बनाते हैं अपना शिकार

FP Staff

पश्चिमी देशों के बाद साइबर अपराधी अब दिल्लीवालों को भी अपने जाल में फंसा रहे हैं. ये लोग पहले से ही पश्चिमी देशों में ‘सेक्सटॉर्शन’ के जरिए लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. पिछले 6 महीने में इस साइबर क्राइम के 30 मामले दिल्ली में सामने आ चुके हैं. खास बात है कि इसमें पीड़ित से बिट क्वाइन में वसूली की जाती है.

क्या है ‘सेक्सटॉर्शन’:


लाइव हिंदुस्तान के मुताबिक साइबर अपराधी मालवेयर के जरिए पीड़ित के कंप्यूटर सिस्टम या नेटवर्क को हैक कर लेते हैं. फिर उनकी ब्राउजिंग हिस्ट्री हैक करते है और फिर वो उनकी गतिविधियों पर नजर रखने लगते हैं. फिर पीड़ित जब किसी भी अश्लील वेबसाइट या कंटेंट को देखता है तो वह अपराधी को जानकारी मिल जाती है. इसके बाद साइबर अपराधी पीड़ित को ईमेल कर यह जानकारी सार्वजनिक करने की धमकी देकर जबरन वसूली करते हैं.

कैसे फंसाते हैं जाल में?

लोगों को अपनी जाल में फंसाने का इनका कोई फिक्स तरीका नहीं है. ये कई बार मालवेयर के जरिए पीड़ित के कंप्यूटर सिस्टम या नेटवर्क को हैक कर जानकारी हासिल कर लेते हैं फिर इसी के आधार पर पीड़ित को ब्लैकमेल कर वसूली करते हैं. तो कभी लड़की बनकर पीड़ित से बात करते हुए जानकारी हासिल करते हैं. जब पीड़ित का भरोसा जीत लेते हैं तो वह उनसे इंटीमेट फोटो भेजने की मांग करते हैं. या फिर कभी पॉर्न वेबसाइट का लिंक डालकर उसे क्लिक करने के लिए उकसाते हैं.

कई बार लड़कियां भी इनकी शिकार हो जाती हैं और ये लड़कियों से रुपए या ‘सेक्सुअल फेवर’ की मांग करते हैं.

साइबर अपराधियों से बचने का तरीका:

- अपनी ईमेल आईडी, पासवर्ड और यूजर आईडी से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी किसी को भी मोबाइल पर न दें

- अपने पासवर्ड को जटिल रखें. जैसे उसमें शब्दों के साथ साथ नंबर और दूसरे सिंबल लगाकर कठिन बना लें. इससे साइबर अपराधियों के लिए आपका पासवर्ड क्रैक करना मुश्किल हो जाएगा.

- अपने कंप्यूटर और लैपटॉप को सुरक्षित रखने के लिए एंटी वायरस का इस्तेमाल करें