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असम में 'फर्जी एनकाउंटर' की रिपोर्ट देने वाले आईपीएस से होगी पूछताछ

राय ने रिपोर्ट में सुरक्षा बलों द्वारा दो लोगों को विद्रोही गुट का सदस्य बताते हुए इनकी हत्या करने का आरोप लगाया था

Bhasha

असम में कथित 'फर्जी मुठभेड़' की शिकायत दर्ज कराने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रजनीश राय से गृह मंत्रालय पूछताछ कर सकता है.

सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर जनरल रजनीश राय ने असम के चिरांग जिले में इस साल मार्च में हुई एक मुठभेड़ की जांच रिपोर्ट में मुठभेड़ को फर्जी बताया था.


रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षा बल के जवानों द्वारा दो व्यक्तियों की हत्या की गई थी. मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट में राय द्वारा पेश किए गए तथ्य एवं परिस्थितियों की जांच की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक जरूरत पड़ने पर उनसे पूछताछ भी की जा सकती है.

अगर रिपोर्ट गलत निकली तो आईपीएस पर होगी कार्रवाई

सूत्रों के मुताबिक अगर फर्जी मुठभेड़ की शिकायत गलत या किसी खास मकसद से की जाने की बात सामने आई तो शिकायतकर्ता के खिलाफ ही मामला दर्ज किया जाएगा. इस मामले में तथ्यों की जांच के लिये जम्मू और कश्मीर पुलिस के पूर्व डायरेक्टर जनरल अशोक प्रसाद को जल्द ही असम भेजा जा सकता है.

फिलहाल गृह मंत्रालय में तकनीकी सलाहकार के रूप में तैनात प्रसाद इस बात की भी जांच करेंगे कि राय ने इस मामले की जांच ठीक से की थी या नहीं. राय ने जांच कर अपनी रिपोर्ट में असम के चिरांग जिले में सुरक्षा बलों के संयुक्त अभियान के दौरान हुई मुठभेड़ को फर्जी बताया था.

स्वतः संज्ञान लेकर की जांच के बाद हुआ था खुलासा

उन्होंने रिपोर्ट में दो लोगों को विद्रोही गुट एनडीएफबी का सदस्य बताते हुए इनकी हत्या करने का आरोप लगाया था.

गुजरात कैडर के 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी राय ने स्वतः संज्ञान लेकर की गई इस जांच रिपोर्ट के जरिए यह बताया था कि किस प्रकार स्थानीय पुलिस और केन्द्रीय सुरक्षा बलों द्वारा चिरांग में मुठभेड़ के नाम पर दो लोगों को विद्रोही संगठन का कार्यकर्ता बताते हुए इनकी हत्या कर दी थी.