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#DelhiDoesn'tCare: लोगों से सुनिए दिवाली पर 'पटाखा बैन' की असली कहानी

कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए लोगों ने रात 10 बजे के बाद भी पटाखों के साथ अपना मनोरंजन किया, द्वारका के सेक्टर 8 इलाके में रातभर लोगों ने जमकर पटाखे जलाए

Pallavi Rebbapragada

23 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश दिए जाने के बाद भी दिल्ली के कई इलाकों में लोगों ने जमकर पटाखे जलाए. कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए लोगों ने  रात 10 बजे के बाद भी पटाखों के साथ अपना मनोरंजन किया. द्वारका के सेक्टर 8 इलाके में रातभर लोगों ने जमकर पटाखे जलाए. आपको बता दें कि सीपीसीबी के अनुसार इस इलाके का एआईक्यू लेवल 697 था. सेक्टर 8 के एक निवासी ने बताया कि यहां के कई इलाके बाउंडरी वॉल से घिरे हुए हैं. ऐसे में पुलिस का यह पता लगाना मुश्किल था कि कौन से लोग नियमों का उल्लंघन करते हुए पटाखे जला रहे हैं.

दिवाली की रात इलाके का पॉल्यूशन लेवल काफी बढ़ा गया था


वहीं इलाके के कुछ लोगों ने कहा कि इन पटाखों की वजह से काफी धुंआ हुआ है जो कि लोगों की सेहत के लिए बिल्कुल सही नहीं है. इलाके के लोगों ने बताया कि दिवाली की रात को पुलिस पेट्रोलिंग हुई थी लेकिन हर इलाके में उनका पहुंचना संभव नहीं था. गुरुवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) द्वारका में 337 दर्ज किया गया. वहीं दिवाली की रात इलाके का पॉल्यूशन लेवल काफी बढ़ा गया था. हवा में काफी भारीपन महसूस किया गया. फिलहाल दिल्ली में ड्यूटी पर तैनात पुलिस की संख्या 83,762 है. दिल्ली के पुलिस कंट्रोल रूम में 800 पीसीआर वैन हैं और 122 मोटर साइकिल हैं. हालांकि इस संख्या को देखते हुए ये कहना आसान है कि दिल्ली के सभी इलाकों में प्रदूषण को रोकने के लिए नजर रखी जा सकती थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं.

गुरुग्राम, नोएडा और गाजियाबाद में भी जमकर पटाखे जलाए गए

द्वारका के कई इलाकों में ग्रीनरी देखने को मिलती है. ऐसे में पटाखों से काफी नुकसान पहुंचा है. वहीं ईपीए ने बताया कि सेटेलाइट इमेजरी से पता चला कि द्वारका के कई इलाकों में गंदी चीजें जलाई गई हैं जिसका असर पर्यावरण पर हो रहा है और प्रदूषण लेवल बढ़ा है. इसके अलावा गुरुग्राम, नोएडा और गाजियाबाद में भी जमकर पटाखे जलाए गए हैं. दिल्ली और उसके आसपास के इलाके में लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन करते हुए रातभर पटाखे जलाए जिसका असर गुरुवार सुबह लोगों को देखने को मिला.

एयर एक्ट के तहत अब तक किसी को सजा नहीं दी गई

पर्यावरण का केस लड़ने वाले वकील राहुल चौधरी ने कहा कि साफ हवा को जहरीला बनाने का अपराध करने वाले लोगों को पकड़ना बहुत मुश्किल होता है. हवा हर मिनट में बदलती है और अगर ऐसे में हम उसे और जहरीला बना देंगे तो वह हमें ही नुकसान पहुंचाएगी. उन्होंने बताया कि एयर एक्ट के तहत अब तक किसी को सजा नहीं दी गई है क्योंकि इसका कोई सबूत नहीं होता. ये बिल्कुल वैसा ही है जैसे कि ट्रैफिक पुलिस तुरंत गलती होने पर चालान काटता है.