केरल हाईकोर्ट ने पिनाराई विजयन सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर जो लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, उनमें से अगर किसी भी निर्दोष को पकड़ा जाता है, तो यह ठीक नहीं होगा. सरकार को इसके लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.
जस्टिस पी.आर रामचंद्रा मेनन और देवन रामचंद्रन की बेंच ने सरकार को आगाह करते हुए कहा है कि किसी भी शख्स की गिरफ्तारी तभी की जाए, जब वह किसी हिंसक प्रदर्शन में शामिल हो. इस सूरत में भी पहले मामले की पूरी जांच होनी चाहिए.
केरल पुलिस ने अब तक 2061 लोगों को सबरीमाला मंदिर मामले में हिंसा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है और 452 केस दर्ज किए हैं.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 17 अक्टूबर को पांच दिवसीय मासिक पूजा के लिए मंदिर खोला गया था. इसके बाद से भक्तों ने मंदिर परिसरों और बेस शिविरों, निलाक्कल और पंबा समेत आस-पास के इलाकों में आंदोलन तेज कर दिया था.
सबरीमाला मंदिर परिसर में तनावपूर्ण माहौल देखा गया और कई जगह हिंसा की खबरें सुनने को मिली थी. हालांकि इस दौरान कुछ महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश जरूर की लेकिन सुप्रीम कोर्ट के 10 से 50 साल उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के ऐतिहासिक फैसले के बावजूद एक भी महिला मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई.