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शिक्षाविदों से मिले राहुल गांधी, कहा- एड हॉक सिस्टम को हटा देना चाहिए

देश के तमाम हिस्सों से आए कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों से आए लगभग दो से ढाई हजार लेक्चरर और प्रोफेसरों ने भाग लिया है

FP Staff

2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने समाज के तमाम तबकों से चर्चाओं सिलसिला शुरू कर दिया है. इसी के तहत कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी देश के तमाम शिक्षाविदों से चर्चा कर रहे हैं.

शनिवार को दिल्ली के सीरी फोर्ट ऑडिटोरियम में हुए कार्यक्रम में देश के तमाम हिस्सों से आए कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों से आए लगभग दो से ढाई हजार लेक्चरर और प्रोफेसरों ने भाग लिया है.


राहुल गांधी ने यहां शिक्षाविदों को संबोधित करते हुए कहा कि देश का भविष्य शिक्षकों के हाथ में ही है. इसलिए शिक्षा व्यवस्था की अपनी एक आवाज होनी चाहिए और अपनी एक विचारधारा होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि 'सरकार को शिक्षा को देश के मुख्य रणनीतिक स्रोतों के केंद्र में रखना चाहिए. मैं समझता हूं कि आप अपने ऊपर एक विशेष विचारधारा के थोपे जाने का दबाव और खतरा महसूस कर रहे हैं. अरबों नागरिकों वाला एक देश एक विचारधारा के तहत नहीं चलाया जा सकता.'

बता दें कि यूपीए के दौर में जहां समय-समय पर एडहॉक लेक्चचर नियमित किए जाते थे, वहीं अब तमाम लेक्चचर की शिकायत है कि उन्हें आठ-आठ महीनों से सैलरी नहीं मिल रही है. इससे ये तबका काफी असंतुष्ट है. वहीं सरकार का निजीकरण पर ज्यादा जोर भी एक बड़ा सरोकार है. इस कार्यक्रम में यूनिवर्सिटीज में पढ़ा रहे एड हॉक लेक्चरर्स ने भी अपनी समस्या राहुल के सामने रखी. राहुल ने एक एड हॉक लेक्चरर की समस्या सुनकर कहा कि उन्हें लगता है कि एड हॉक सिस्टम को हटा देना चाहिए.

यहां राहुल ने पीएम नरेंद्र मोदी और संघ पर हमला बोला. राहुल ने बोला कि संघ और बीजेपी चाहते हैं कि देश की हर संस्था में आरएसएस के लोगों को घुसा दिया जाए. उन्होंने कहा कि मोदी जी जब सत्ता में आए तो एक अधिकारी को स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप का हेड बनाया गया लेकिन कुछ वक्त बाद उन्होंने बताया कि वो ये पद छोड़ रहे हैं. उन्होंन कहा कि उन्हें ऐसे लोगों की एक लिस्ट दी गई है, जिन्हें आरएसएस एसपीजी में शामिल करवाना चाहता है, जिसे उन्होंने इनकार दिया है. राहुल ने कहा कि इसका मतलब ये है कि इस देश की हर संस्था में आरएसएस के लोगों को घुसाने की कोशिश है.

राहुल ने संघ प्रमुख मोहन भागवत पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा, 'एक बार मैंने मोहन भागवत को कहते हुए सुना कि वो पूरे भारत को संगठित करना चाहते हैं. मैं पूछता हूं कि मोहन भागवत कौन होते हैं देश को संगठित करने वाले? आप कोई भगवान हैं क्या? देश खुद को संगठित कर लेगा.'