एएनआई को दिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के इंटरव्यू में देश में रोजगार पैदा करने के उनके दावों पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि एकतरफ उनके कैबिनेट सदस्य नितिन गडकरी दावा करते हैं कि देश में अब नौकरियां नहीं हैं. और उधर लोगों की आंख में धूल झोंकने के लिए पीएम रोजगार के झूठे दावे पेश करते हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने ईपीएफओ डेटा के आधार पर लाखों नौकरियों के निर्माण के बारे में मोदी के दावे का जिक्र करते हुए कहा, 'सरकार नौकरी के आंकड़ों के साथ ईपीएफओ के आंकड़ों को कैसे जोड़ सकती है?' एएनआई को दिए अपने इंटरव्यू में, मोदी ने दावा किया कि कर्मचारी भविष्य निधि में 45 लाख नए सब्सक्राइबर और पिछले 9 महीनों में 5.68 लाख लोगों का नई पेंशन योजना में शामिल होना इस बात का संकेत है कि रोजगार बढ़ा है.
सीएमआईई के आंकड़ों का हवाला देते हुए खेड़ा ने कहा कि नोटबंदी के बाद 1.26 करोड़ लोगों ने अपनी नौकरियां खो दीं. उन्होंने आगे कहा कि आईएलओ डाटा बताता है कि 2019 तक 77 प्रतिशत लोग या तो अपनी नौकरियां खो देंगे या फिर नौकरियां खोने के कगार पर होंगे. 'प्रधान मंत्री ने कभी इस डाटा को चुनौती नहीं दी,' खेड़ा ने कहा.
खेड़ा ने कहा कि मोदी लोगों को यह मनवाना चाहते हैं कि सरकार की 'विफलताएं' ही 'अच्छे दिन' हैं जिसका वादा '2014 के चुनाव अभियान के दौरान उन्होंने लोगों से वादा किया गया था.'
इसके पहले एएनआई को दिए अपने इंटरव्यू में पीएम ने रोजगार को देश की तेज बढ़ती आर्थिक स्थिति से जोड़ा और कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया के गिने-चुने देशों में शामिल है, जहां इतनी तेजी से विकास हो रहा है. ऐसे में रोजगार क्यों नहीं बढ़ेगा? सड़कों का जाल बिछ रहा है, रेल लाइनों का विस्तार हो रहा है, बिजली में तेजी से काम हो रहा है, फिर रोजगार क्यों नहीं बढ़ेंगे?
पीएम ने ईपीएफओ का भी हवाला दिया था. प्रधानमंत्री के मुताबिक, ईपीएफ से 45 लाख और बीते 9 महीने में 5.68 लाख लोग पेंशन स्कीम से जुड़े हैं. इन सभी फैक्टर को जोड़ दें तो बीते एक साल में एक करोड़ से ज्यादा रोजगार पैदा हुए हैं.