रविवार को 34 वर्षीय जागृति होगले की गड्ढे से बचने के चक्कर में ट्रक से कुचल कर मौत हो गई. यह हादसा तब हुआ जब वह मुंबई के पास पालघर में धानु-जवाहर रोड पर अपनी मोटरसाइकिल से जा रही थीं.
दरअसल जागृति एक बाइकर क्लब 'बाइकरनी' की मेंबर थीं और अपनी दो अन्य साथियों के साथ रोड ट्रिप पर जा रही थीं.
खबरों के मुताबिक रास्ते में जब वह एक ट्रक को ओवरटेक करने की कोशिश कर रही थीं तब अचानक सड़क पर एक गड्ढे के चलते वह नीचे गिर गई और पीछे से आ रहे ट्रक की चपेट में आ गईं. इसके बाद उनके साथी जब तक उसे बचा पाते, उनकी मौत हो चुकी थी.
शिकायत के बाद भी हालत जस की तस
हादसे की जगह के पास रहने वाले एक व्यक्ति के मुताबिक कई बार शिकायत के बाद भी सड़कों पर गड्ढे जस के तस बने हुए हैं. पुलिस के मुताबिक गड्ढों की वजह से उस इलाके में इस साल यह चौथी मौत है.
यह हादसा ऐसे मौके पर हुआ है जब मुंबई में सड़कों पर गड्ढों को लेकर मुंबई की नगर पालिका बीएमसी लोगों के निशाने पर है.
हाल ही में एक जानी-मानी रेडियो जॉकी मलिश्का ने मुंबई की सड़कों पर गड्ढों और अन्य मुद्दों को लेकर एक वीडियो जारी किया था.
इस वीडियो के वायरल होने के बाद शिवसेना ने बीएमसी कमिश्नर से मांग की की कि वो आरजे और एफएम चैनल पर 500 करोड़ का मानहानि का मुकदमा करें. गौरतलब है कि शिवसेना तकरीबन 25 सालों से बीएमसी की कुर्सी पर काबिज है. इसके बाद बीएमसी ने मलिश्का के घर पर मच्छर पैदा होने का नोटिस जारी कर दिया.
इसके अलावा भी अन्य वजहों से बीएमसी की फजीहत हो चुकी है जिनमें पेड़ गिरने से महिला की मौत और ताजा-ताजा घाटकोपर में इमारत धराशाई होने की घटनाएं शामिल हैं.
इसके बाद एफएम चैनल नें एक और वीडियो जारी किया जिसमें रेडियो जॉकी रौनक दिल्ली में पानी से भरे गड्ढे में नाव में बैठ कर आरजे को 'बोलने से ना रोकने' की बात कहते दिखते हैं.
दिल्ली की भी हालत ऐसी ही है. द हिंदू में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, 'दिल्ली के 13 इलाकों में खुदी हुई सड़कें आम लोगों के लिए खतरा पैदा कर रही हैं.'
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली जल बोर्ड, पीडब्ल्यूडी और नगर निगम मरम्मत के लिए सड़कें खोदते हैं और कई बाद उसे वैसे ही छोड़ देते हैं.
खराब सड़कें रोज ले रही हैं 30 जानें
एक खबर के मुताबिक सड़कों में गड्ढे और स्पीड ब्रेकर्स के चलते देश में हर साल 10,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है. इसका मतलब यह हुआ कि हर दिन लगभग 30 भारतीय अपनी जान गवां देते हैं.
केंद्रीय सड़क और परिवाहन मंत्रालय के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक 2015 में 10,876 लोगों की मौत हुई थी. वहीं 2014 में 11,106 लोगों ने अपनी जान गवां दी थी.
अधिकारियों का कहना है कि घटिया क्वालिटी के सड़क निर्माण और अवैज्ञानिक तरीके से किये गए मरम्मत के कारण ऐसा होता है. इसके अलावा ओवरलोडेड ट्रक भी इसका एक बड़ा कारण हैं.
बार-बार खबरों में आने के बाद भी सडकों पर गड्ढे बरकरार रहते हैं और लोगों की जान जाती रहती है. जब इस मुद्दे को व्यंग के रूप में उठाया जाता है तो जिम्मेदार संस्था उल्टा उनपर ही कार्रवाई कर देती है जो आवाज उठाते हैं. ऐसे में सड़क पर आम आदमी की सुरक्षा तो भगवन भरोसे ही मानिए.