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आलोक वर्मा के निष्कासन पर बोले अटॉर्नी जनरल- सरकार को है हक, कर सकती है CBI का संचालन

वेणूगोपाल ने कहा, 'हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि CBI में लोगों का विश्वास बना रहे. इसलिए दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेजा गया था

FP Staff

बुधवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को CBI निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने का कारण बताया. केंद्र सरकार के मुताबिक उसने CBI निदेशक को छुट्टी पर इसलिए भेजा था क्योंकि जांच एजेंसी की छवि दो अधिकारियों के बीच लड़ाई के कारण खराब हो रही थी. न कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत के कारण.

अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार को मामले में इसलिए हस्तक्षेप करना पड़ा क्योंकि दोनों अधिकारी, उनके बीच की लड़ाई को अंदरूनी नहीं रख सके. उन्होंने बताया कि सावधानीपूर्वक जांच करने और मुद्दों पर गहन विचार करने के बाद, केंद्र को लगा कि अब ऐसा समय आ गया है जिसमें केंद्र को आलोक वर्मा के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.


ऐसा इसलिए किया ताकि CBI में बना रहे लोगों का विश्वास

वेणूगोपाल ने कहा, 'हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि CBI में लोगों का विश्वास बना रहे. इसलिए दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेजा गया था.' चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुआई वाली पीठ पिछले एक महीने से वर्मा द्वारा दायर याचिका की सुनवाई कर रही है. CBI निदेशक ने इस आधार पर अपनी याचिका दाखिल की थी कि उनका दो साल का कार्यकाल तय होता है.

इस पर अटॉर्नी जनरल ने तर्क दिया 'आप किसी से पूछ सकते हैं कि CBI निदेशक कौन है और वे जवाब देंगे आलोक वर्मा. आप उनसे पूछें कि विशेष निदेशक कौन है और वे कहेंगे राकेश अस्थाना.' उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि केंद्र CBI निदेशक अपॉइंटिंग अथॉरिटी हैं और उसके पास एजेंसी को संचालित करने की शक्ति है.