जेट एयरवेज के वित्तीय संकट की रिपोर्ट के बीच केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने स्पष्ट किया कि निजी एयरलाइंस को अपनी चुनौतियों से खुद निपटना होगा, सरकार की भूमिका केवल नीतिगत स्तर की ही हो सकती है.
केंद्रीय मंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जबकि एयरलाइंस उद्योग संकट के दौर से गुजर रहा है. उन्हें कच्चे तेल के ऊंचे दाम और कड़ी प्रतिस्पर्धा से जूझना पड़ रहा है, जिससे उनका मुनाफा घट रहा है.
जेट एयरवेज की मौजूदा स्थिति के बारे में पूछे जाने पर प्रभु ने कहा, ‘हमें उनकी स्थिति की जानकारी नहीं है.’
पिछले 25 साल से उड़ान सेवाएं दे रही पूर्ण सेवा विमानन कंपनी इस समय वित्तीय संकट से जूझ रही है. इससे पहले इसी महीने कंपनी ने जून तिमाही नतीजों की घोषणा टाल दी थी. हाल के सप्ताह में जेट एयरवेज के शेयर मूल्य में भी गिरावट आई है.
प्रभु ने कहा, ‘हमें उनकी स्थिति की जानकारी नहीं है. जहां तक निजी एयरलाइंस का सवाल है, उन्हें अपने मुद्दों से खुद ही निपटना होगा. मंत्रालय सिर्फ नीतिगत पहलू पर गौर कर सकता है.’
जेट एयरवेज वित्तीय संकट से जूझ रही है. कंपनी ने 9 अगस्त को जून तिमाही के अनांकेक्षित नतीजों को टाल दिया था. एयरलाइन के निदेशक मंडल की 27 अगस्त को बैठक होने जा रही है जिसमें 30 जून को खत्म हुए तिमाही के नतीजों पर विचार किया जाएगा और उसे मंजूरी दी जाएगी.