केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने बच्चों को सुरक्षित माहौल देने के लिए केंद्रीय विद्यालय (केवी), डीपीएस, दून और सिंधिया जैसे देशभर के जाने-माने स्कूलों को पेशेवर सुरक्षा कंसल्टेंसी सेवाओं की पेशकश दी है. गुड़गांव में रायन इंटरनेशनल स्कूल के छात्र प्रद्युमन की हत्या के बाद यह कदम उठाया गया है.
अर्द्धसैनिक बल ने स्कूल प्रशासन को दर्जनों पत्र लिख कर कहा है कि वह स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए ‘सुरक्षित’ माहौल बनाने में मदद कर सकता है जिसके लिए सेवा शुल्क लिया जाएगा. सीआईएसएफ पर हवाईअड्डों समेत देश में अहम प्रतिष्ठानों की सुरक्षा का जिम्मा होता है.
एक औसत स्कूल के लिए कंसल्टेंसी शुल्क लगभग चार लाख रुपए होगा.
सीआईएसएफ की देश भर में यह कवायद हाल ही की उस घटना के बाद हुई जिसमें गुड़गांव में रायन इंटरनेशनल स्कूल की दूसरी कक्षा के छात्र की 8 सितंबर को स्कूल के बाथरूम में गला काटकर हत्या कर दी गई थी.
सीआईएसएफ ने एक स्कूल की प्रिंसिपल को लिखे पत्र में कहा, ‘यह महसूस किया गया कि एनसीआर के प्रतिष्ठित स्कूलों में से एक में हाल की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मद्देनजर अब हमारे स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था की फिर से समीक्षा करने की जरूरत है. आप इस बात से सहमत होंगे कि स्वस्थ और सुरक्षित माहौल हर बच्चे का अधिकार है. यह माहौल उपलब्ध कराने में स्कूलों की बड़ी भूमिका है.’
जिन स्कूलों को यह पत्र भेजा गया है उनमें नवोदय विद्यालय समिति, दिल्ली पब्लिक स्कूल सोसायटी, केंद्रीय विद्यालय संगठन, स्प्रिंगडेल्स, सलवान एजुकेशन ट्रस्ट, मॉडर्न स्कूल, संस्कृति, मदर्स इंटरनेशनल, श्री राम और एपीजे एजुकेशन सोसायटी शामिल है.
अर्द्धसैनिक बल ने मुंबई में रायन ग्रुप ऑफ स्कूल्स, देहरादून में दून स्कूल, ग्वालियर में सिंधिया स्कूल और आंध्र प्रदेश के चित्तूर में ऋषि वैली से भी संपर्क किया और ऐसे और पत्र भेजे जा रहे हैं.
सीआईएसएफ के महानिदेशक ओ पी सिंह ने कहा कि बल ने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी के तौर पर यह कदम उठाया है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले इस बल ने मुंबई में धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल के लिए भी ऐसी ही सुरक्षा कंसल्टेंसी दी. इसी तरह उसने कई भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) और भारतीय प्रौद्योगिक संस्थानों (आईआईटी) की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की.