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लेक्चरर के खिलाफ जांच कर रहे CID अफसर का तबादला, भड़का विपक्ष

सीबी-सीआईडी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के. जयंत मुरली का तबादला 18 अप्रैल को भ्रष्टाचार विरोधी इकाई में एडीजीपी के रूप में कर दिया गया था

Bhasha

अरुप्पूकोट्टई की देवांग आर्ट्स कॉलेज की महिला लेक्चरर से जुड़े यौन आरोपों की जांच सीबी-सीआईडी को सौंपे जाने के तुरंत बाद ही विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के ट्रांसफर के फैसले की मुख्य विपक्षी पार्टियों द्रमुक और पीएमके ने निंदा की है.

विपक्षी पार्टियों ने लेक्चरर निर्मला देवी की तरफ से स्टूडेंट्स को दी गई कथित सलाह की जांच सीबीआई से कराने की अपनी मांग दोहराई है.


द्रमुक के कार्यवाहक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने कहा कि क्राइम ब्रांच-सीआईडी को यह मामला सौंपने के आदेश के तुरंत बाद सरकार ने इस इकाई के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के. जयंत मुरली का ट्रांसफर जल्दबाजी में कर दिया. उन्होंने बताया कि इस मामले से पूरे राज्य की बदनामी हुई है.

स्टालिन ने कहा कि इस मामले में कौन शामिल है और कौन इसके पीछे है, इस सच्चाई का पता लगाने के लिए हाई कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए.

पीएमके के संस्थापक एस रामदास ने कहा कि इस मामले को दबाने के लिए षडयंत्र किया जा रहा है. इस मामले को सीबी-सीआईडी को सौंपे जाने के 24 घंटे के अंदर सीनियर ऑफिसर का ट्रांसफर करना चौंकाने वाला था.

पुलिस महानिदेशक टी के राजेंद्रन ने कहा कि इस मामले को शुरुआत में स्थानीय पुलिस ने दर्ज किया था और इसे 17 अप्रैल को इसे सीबी-सीआईडी को सौंप दिया गया.

सीबी-सीआईडी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के. जयंत मुरली का तबादला 18 अप्रैल को भ्रष्टाचार विरोधी इकाई में एडीजीपी के रूप में कर दिया गया था.