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पुलवामा हमला: चीन ने सुषमा स्वराज को भेजा शोक संदेश लेकिन जैश के आतंकी को बैन करने पर जताई आपत्ति

एक तरफ जहां चीन ने पुलवामा आतंकी हमले की निंदा की है, वहीं दूसरी तरफ मसूद अजहर को बैन पर रोड़ा अटका रहा है

FP Staff

बीते गुरुवार जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद चीन का दोहरा रवैया सामने आ गया.एक तरफ जहां चीन ने इस घटना की निंदा की. भारत में चीन के राजदूत लुओ झाओहुई ने बताया कि चाइनीज स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पत्र लिखकर पुलवामा हमले की निंदा की है. वहीं पीड़ितों और घायलों के परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए सभी तरह के आतंकवाद का विरोध किया.

न्यूज़ 18 के अनुसार वहीं चीन दूसरी तरफ इस घटना की जिम्मेदारी लेने वाला आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी मानने को तैयार नहीं हो रहा. भारत कई समय से यह मांग कर रहा है कि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकवादी का दर्जा मिले.


अगर अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) द्वारा आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध किया जाता है, तो उसकी वैश्विक यात्रा प्रतिबंधित और संपत्ति फ्रीज हो जाएगी.

चीन नहीं बदलेगा अपना स्टैंड

चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य है और इसकी वजह से चीन के पास वीटो की शक्ति है. चीन, पाकिस्तान का करीबी भी है. भारत, अमेरिका, यूके या फ्रांस द्वारा जब भी अज़हर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने की कोशिश की गई तो हमेशा चीन ने वीटो कर दिया.

भले ही जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले की ज़िम्मेदारी ली हो, लेकिन चीन सरकार ने संकेत दिया कि वह इस मामले में अपना स्टैंड नहीं बदलेगा. इस मामले में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने कहा, 'जैश-ए-मोहम्मद को सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधी सूची में शामिल कर दिया गया है. चीन इस मुद्दे को उचित और जिम्मेदाराना तरीके से हैंडिल करेगा.'

भारत को उम्मीद है कि अमेरिका के साथ मिलकर अज़हर को अतंरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिए चीन पर दबाव बनाया जा सकता है. इस घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान से कहा कि संयुक्त राष्ट्र में जितने आतंकवादी संगठन सूचीबद्ध हैं उनकी सारी संपत्तियों को फ्रीज़ कर दिया जाए.