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'वन बेल्ट वन रोड' की योजना प्रोजेक्ट ऑफ सेंचुरी है: चीन

इस परियोजना के लिए चीन ने करीब 930 अरब रुपए की पेशकश की है

Bhasha

चीन ने रेशम मार्ग पर प्रस्तावित वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) को सदी की परियोजना (प्रोजेक्ट ऑफ द सेंचुरी) करार दिया है. इस परियोजना के लिए चीन ने 100 अरब यूआन (करीब 930 अरब भारतीय रुपए) की पेशकश की है.

यह रेशम मार्ग द्वारा चीन को एशिया, यूरोप और अफ्रीका के अधिकतर देशों से जोड़ने की महत्वाकांक्षी पहल का हिस्सा है.


चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने देश के दृष्टिकोण के बारे में अपने संबोधन में कहा कि हमें सहयोग का एक खुला मंच तैयार करना चाहिए.

ओबीओआर से बढ़ेगा चीन का प्रभाव 

उन्होंने कहा कि चीन को एक खुली वैश्विक अर्थव्यवस्था के रूप में बढ़ना है. उन्होंने कहा कि चीन रेशम मार्ग कोष के लिये 100 अरब यूआन (14.5 अरब डॉलर) का योगदान करेगा.

रेशम मार्ग कोष का गठन 2014 में किया गया जिसका मकसद बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को फाइनेंस करना था. चीन के इस योगदान के साथ इसका आकार 55 अरब डॉलर हो जाएगा.

इसके साथ ही 8.75 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) पहल में शामिल देशों को की जाएगी. इसका मकसद चीन के प्रभाव और वैश्विक संपर्क को बढ़ाना है.

शी ने कहा कि वन बेल्ट वन रोड पहल सदी की परियोजना है और इससे दुनिया के विभिन्न देशों को लाभ होगा.