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स्कूलों की बढ़ती फीस ने पेरेंट्स की बढ़ाई टेंशन

बच्चों की स्कूल फीस में 11 से 20 फीसदी का इजाफा हुआ है

Bhasha

नए सेशन की शुरआत में पेरेंट्स को स्कूल फीस का ‘झटका’ लगा है. राष्ट्रीय स्तर पर किए गए सर्वे के अनुसार ज्यादातर पेरेंट्स ने कहा है कि उनके बच्चों के स्कूलों ने फीस में 11 से 20 प्रतिशत की वृद्धि की है.

कम्युनिटी सोशल मीडिया प्लेटफार्म लोकलस द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में 15 प्रतिशत पेरेंट्स का कहना है कि उनके स्कूलों ने फीस में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की है. सर्वे में कहा गया है कि कई स्कूलों में फीस वृद्धि काफी ऊंची रही है और देश के विभिन्न हिस्सों में बच्चे के माता-पिता इसके खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं.


इसके अलावा पेरेंट्स की शिकायत है कि स्कूलों ने सालाना शुल्कों में भी भारी वृद्धि कर दी है जो उचित नहीं है. देशभर में पेरेंट्स पिछले कुछ साल से स्कूल फीस वृद्धि को लेकर काफी चिंतित हैं. उनका कहना है कि उनकी सालाना आमदनी में बढ़ोतरी की तुलना में औसतन फीस वृद्धि अधिक उंची है.

गुजरात और बिहार में 10 प्रतिशत से कम वृद्धि

इस सर्वे में 9,000 पेरेंट्स की भी राय ली गई. करीब 54 प्रतिशत पेरेंट्स ने कहा कि उनके स्कूलों ने फीस में 11 से 20 प्रतिशत की वृद्धि की है. 15 प्रतिशत ने कहा कि फीस वृद्धि 20 प्रतिशत से अधिक है. 31 प्रतिशत का कहना था कि फीस वृद्धि शून्य से 10 प्रतिशत के बीच रही है.

हरियाणा, आंध्र प्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, उत्तराखंड, झारखंड और गोवा के 75 प्रतिशत से अधिक पेरेंट्स का कहना था कि उनके बच्चों की स्कूल फीस में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है.

उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु और दिल्ली के 50 से 75 प्रतिशत पेरेंट्स ने कहा कि फीस वृद्धि 10 प्रतिशत से अधिक हुई है.

सिर्फ दो राज्य गुजरात और बिहार के पेरेंट्स ने कहा कि ज्यादातर स्कूलों द्वारा की गई फीस वृद्धि 10 प्रतिशत से कम रही है.