कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने दिल्ली यूनिवर्सिटी विवाद पर वित्त मंत्री अरूण जेटली के दिए बयान की आलोचना की है. चिदंबरम ने ट्वीट कर सवाल किया कि, 1975 में जब जेटली दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष थे तब क्या वो 'विध्वंस के गठजोड़' का नेतृत्व कर रहे थे.
शनिवार को जेटली ने कहा था कि देश के कुछ कॉलेज कैंपस में 'विभाजन का गठजोड़' पनप रहा है. और लेफ्ट और अलगाववादी दोनों एक जुबान बोल रहे हैं.
चिदंबरम ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में दिए अपने भाषण में कहा कि, 'उन्हें अलग विचारधारा वाले दूसरे लोगों को भी बोलने का मौका देना चाहिए'.
वित्त मंत्री जेटली ने कहा था कि ये मेरी अपनी राय है कि समाज में होने वाले फ्री स्पीच पर बहस होनी चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि 'हिंसा हालांकि इसका कोई तरीका नहीं है'.
उनका ये बयान पिछले बुधवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस में आइसा और एबीवीपी के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद आया था.
नार्थ कैंपस के रामजस कॉलेज में छात्र संगठनों के दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़पों के बाद तनाव पसर गया था. छात्रों के गुट ने एबीवीपी पर कार्रवाई की मांग को लेकर दिल्ली पुलिस मुख्यालय समेत कई जगहों पर विरोध मार्च निकाला था.