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छत्तीसगढ़: सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में 2 माओवादी मारे गए, 2 राइफल बरामद

यह घटना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आज छत्तीसगढ़ चुनाव के प्रथम चरण के लिए नक्सल प्रभावित इलाकों में वोटिंग कराई गई थी

FP Staff

छत्तीसगढ़ के सुकमा में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ की खबर सामने आई है. इस गोलीबारी में 2 माओवादी मारे गए. मारे गए माओवादियों से 2 राइफल भी बरामद हुई हैं. यह घटना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आज छत्तीसगढ़ चुनाव के प्रथम चरण के लिए नक्सल प्रभावित इलाकों में वोटिंग कराई गई थी.

इन इलाकों में मतदान को प्रभावित करने के लिए नक्सलियों ने कई प्रयास किए. मतदान के दौरान भी ऐसी कई घटनाएं सामने आई. बीजापुर के पामेड़ इलाके में


सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में पांच नक्सलियों को मार गिराया. इस मुठभेड़ में कोबरा बटालियन के तीन जवान भी जख्मी हो गए. हालांकि नक्सलियों की तमाम धमकियों के बावजूद जनता ने लोकतंत्र के महापर्व में जम कर हिस्सा लिया.

लेकिन फिर भी माओवादियों के साथ सुरक्षाबलों का संघर्ष यह साबित करता है कि आने वाले चरण के चुनावों और उसके नतीजों पर माओवादी असर डाल सकते हैं. ऐसे में सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस बात का ध्यान रखना होगा कि माओवादी चुनाव को प्रभावित न कर सकें. इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के साथ ही हर हालात से निपटने के लिए योजना भी बनानी होगी.

हालही में खबर मिली थी कि झारखंड में नक्सलियों की कमर तोड़ने के लिए सीआरपीएफ ने एक नया तरीका इजाद किया है. सीआरपीएफ नक्सलियों की बेहतर मुखबिरी करवाने के लिए अब अपने जवानों को भाषा और संस्कृति का कोर्स शुरू कराने जा रही है. इस विशेष ट्रेनिंग के तहत जवानों को नक्सलियों के खिलाफ महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए वहां की स्थानीय जनजाति और आबादी के बोलने का लहजा, रीति रिवाज सीखा रही है.

सबसे पहले 1200 जवानों को जनजातियों के 'जीवन के तरीके' के बारे में बुनियादी जानकारियां दी जाएंगी, जिसमें स्थानीय क्षेत्र के साप्ताहिक मेलों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की विशेष यात्रा भी शामिल है.

बाद में फिर और भी लोगों को इस ट्रेनिंग के तहत प्रशिक्षित किया जाएगा. इससे सुरक्षा बलों और स्थानीय लोगों के बीच एक दोस्ताना और विश्वसनीय संबंध स्थापित करने की कोशिश पूरी हो सकती है.