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जानिए आखिर क्या है JNU मामला और तीन सालों में कहां तक पहुंचा घटनाक्रम

दिल्ली पुलिस ने 2016 में जेएनयू कैंपस में विवादास्पद नारे लगाने के मामले में 12000 पेज की चार्जशीट दायर की है.

FP Staff

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में 9 फरवरी 2016 को भारत विरोधी नारे लगाए जाने के मामले में दिल्ली पुलिस ने स्पेशल सेल कोर्ट में चार्जशीट दायर की है. चार्जशीट में कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बाण पर देशद्रोह का चार्ज लगा है. पुलिस ने 12,000 पेजों की चार्जशीट दायर की है.

दिल्ली पुलिस ने 2016 में जेएनयू कैंपस में विवादास्पद नारे लगाने के मामले में 12000 पेज की चार्जशीट दायर की है. पुलिस ने IPC की धारा 124A 323, 465, 471, 143, 149, 147, 120B के तहत चार्जशीट दायर की है.


ये है मामला

-9 फरवरी 2016 को दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में आतंकी अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाए गए. साथ ही कार्यक्रम के खिलाफ एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. वहीं छात्रों के गुटों में मारपीट भी हुई.

-11 फरवरी को भारत विरोधी नारों का वीडियो मीडिया में चलने लगा. जिसके बाद दिल्ली के वसंतकुंज थाने में धारा 124A के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया.

-12 फरवरी को तत्कालीन जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को दिल्ली पुलिस के जरिए गिरफ्तार किया गया. वहीं उमर खालिद अंडरग्राउंड हो गया. साथ ही वीडियो के आधार पर अन्य का नाम भी एफआईआर में शामिल किया गया.

-24 फरवरी को जेएनयू कैंपस में उमर ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया.

-27 फरवरी को देशद्रोह के मामले को स्पेशल कोर्ट भेज दिया गया.

-3 मार्च को 10 हजार रुपए के बॉन्ड पर कन्हैया कुमार को जमानत मिल गई.

-17 मार्च को उमर को 6 महीने की अंतरिम जमानत मिल गई.

-जून 2016 को जांच में पाया गया कि देश विरोधी नारों का वीडियो असली है. वीडियो से छेड़छाड़ नहीं की गई है.

-अप्रैल 2017 को जेएनयू के 31 छात्रों को समन भेजकर पुलिए ने पूछताछ की.

-14 जनवरी 2019 को मामले में चार्जशीट दायर हुई.