केंद्र ने रविवार को कहा कि केरल, तमिलनाडु और लक्षद्वीप में भारी तबाही मचाने वाले चक्रवात ओखी को राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया जा सकता है. हालांकि सरकार का यह जरूर कहना है कि इस आपदा से निपटने के लिए सभी तरह से सहायता की जाएगी.
चेन्नई में राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री पी. विजयन की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में शामिल होने के बाद केंद्रीय मंत्री अल्फोंस कन्ननथनम ने कहा कि केंद्र राज्य सरकार को पहले ही जरूरी राहत फंड दे चुका है.
उन्होंने कहा, ‘हमें राज्य सरकार से चक्रवात ओखी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का अनुरोध संबंधी ज्ञापन मिल चुका है. लेकिन केंद्र के लिए ऐसा करने की कोई योजना नहीं है.’ वैसे तो केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने पहले केरल की इस दलील का समर्थन किया था कि उसे चक्रवात के बारे में पूर्व चेतावनी नहीं मिली. उन्होंने बाद में स्पष्ट किया कि केंद्रीय एजेंसियों ने 28 नवंबर और 29 नवंबर को जरूरी अलर्ट दिये थे.
कन्ननथनम ने विजयन की उपस्थिति में कहा था कि केरल को 30 नवंबर को ही अलर्ट मिला और उससे पहले स्पष्ट चेतावनी नहीं जारी की गयी थी. केंद्रीय मंत्री समीप के तटीय क्षेत्र पंथुरा गये जहां मछुआरे कुछ दिन पहले समुद्र में गये अपने रिश्तेदारों को बचाने में देरी का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन कर रहे थे.