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मोदी सरकार के मंत्री ने कहा, गंगा में अस्थियां प्रवाहित न करें लोग

'नमामि गंगे प्रोजक्टे' के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि 'मैं सबसे अपील करता हूं कि अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने के बजाय उसे जमीन पर एक स्थान पर इकट्ठा कर उसके ऊपर पौधे लगाने चाहिए'

FP Staff

केंद्रीय राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह के दिए बयान से नया विवाद खड़ा गया हो गया है. सत्यपाल सिंह ने मंगलवार को कहा कि गंगा नदी को प्रदूषण से बचाने और उसे निर्मल बनाए रखने के लिए उसमें अस्थियां प्रवाहित नहीं की जानी चाहिए.

मंगलवार को हरिद्वार में 'नमामि गंगे' के तहत 34 परियोजनाओं का शिलान्यास करते समय सत्यपाल सिंह ने कहा, 'गंगा में आरती करने के दौरान फूल प्रवाहित करना गंगा की पवित्रता के लिए घातक हो सकता है. परिस्थिति को देखते हुए मैं सबसे अपील करता हूं कि अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने के बजाय उसे जमीन पर एक स्थान पर इकट्ठा कर उसके ऊपर पौधे लगाने चाहिए. जिससे भविष्य की पीढ़ियां उस पौधे में अपने पूर्वजों की छवि देख सकें.'


उन्होंने कहा कि वो कर्मकांड में शामिल सभी पुजारियों से आग्रह करते हैं कि वो लोगों में गंगा की सफाई को लेकर जागरूकता फैलाएं.

इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मौजूद थे.

केंद्रीय राज्यमंत्री के इस बयान को हिंदू धर्मगुरुओं ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इस पर कड़ी आपत्ति जताई है.

कौन हैं सत्यपाल सिंह?

सत्यपाल सिंह वर्तमान में यूपी के बागपत से बीजेपी के सांसद हैं. वो पूर्व नौकरशाह हैं. अपने सेवाकाल के दौरान वो मुंबई के पुलिस कमिश्नर रह चुके हैं.

सत्यपाल सिंह पहले भी कई बयान दे चुके हैं जिनसे विवाद खड़ा हो गया था. कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था कि कितने लड़के वैसी लड़कियों से शादी करना चाहेंगे जो शादी समाराहों में जींस पहनकर आती हो.

इसके अलावा, मार्च 2016 में सत्यपाल सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा था कि 'अगर तुम्हें कोई गुंडा परेशान करे तो मुझे बता देना. मैं मुंबई का सबसे बड़ा गुंडा रहा हूं. दादाओं का दादा रहा हूं, देखने में सीधा-साधा इंसान हूं. मैं गुंडों के लिए गुंडा हूं और सज्जनों के लिए सज्जन इंसान.'