इकोफ्रेंडली गाड़ियों को बढ़ावा देने की योजना के तहत सरकार इस साल दिसंबर तक अपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी को अंतिम रूप दे देगी. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज यह जानकारी दी.
नीति आयोग ने रॉक माउंटेन इंस्टिट्यूट के साथ पिछले सप्ताह अपनी संयुक्त रिपोर्ट में कहा था कि इलेक्ट्रिक और साझा वाहनों के इस्तेमाल से 2030 तक डीजल और पेट्रोल की लागत में 60 अरब डॉलर की बचत की जा सकती है. इससे देश में एक गीगाटन (जीटी) कॉर्बन उत्सर्जन में भी कमी लाई जा सकती है.
गडकरी ने कहा, ‘सरकार इस साल दिसंबर तक इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी को अंतिम रूप दे देगी.’
नागपुर से शुरू हो रही है पायलट योजना
उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी का मसौदा योजना तैयार करने के लिए गठित मंत्रियों के समूह ने कैबिनेट सचिवालय को अपनी सिफारिशें सौंप दी हैं और अब योजना का मसौदा तैयार हो रहा है.
मंत्री ने कहा कि कई भारतीय कंपनियों ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों और संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर में इंवेस्टमेंट में रुचि दिखाई है. इस नीति में हल्के और भारी इलेक्ट्रिक वाहन मसलन कारें और बसें दोनों शामिल होंगी.
गडकरी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन परिवहन के पायलट योजना की शुरुआत 26 मई को नागपुर में होगी. इसमें 200 इलेक्ट्रिक टैक्सियां और एक इलेक्ट्रिक बस होगी. इस तरह के वाहनों की चार्जिंग में आने वाली दिक्कतों को खारिज करते हुए गडकरी ने कहा कि वहां एक चार्जिंग स्टेशन लगाया गया है और यह कोई समस्या नहीं होगा.