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सरकार का फरमान: आईपीएस अधिकारी फिट हैं तो हिट हैं

आईपीएस अधिकारियों के प्रमोशन और उनके महत्वपूर्ण पद की नियुक्ति में अब उनके फिटनेस का बड़ा रोल होने जा रहा है

Ravishankar Singh

देश में आईपीएस अधिकारियों के प्रमोशन को लेकर मोदी सरकार चौंकाने वाला निर्णय लेने जा रही है. आईपीएस अधिकारियों के प्रमोशन और उनके महत्वपूर्ण पद की नियुक्ति में अब उनके फिटनेस का बड़ा रोल होने जा रहा है.

केंद्र सरकार ने आईपीएस अधिकारियों से पहले ये नुस्खा केंद्रीय पैरा मिलिट्री फोर्सज के अधिकारियों पर लागू किया था. गृह मंत्रालय ने पैरा मिलिट्री फोर्सेज में तैनात अधिकारियों के लिए शेप 1 फॉर्मूला अपनाया था.


इस फॉर्मूले के अंतर्गत प्रमाणित किए जाते हैं कि किस अधिकारी का फिटनेस लेवल किस स्तर का है. यह प्रक्रिया फिटनेस के अच्छे लेवल को इंडिकेट करता है. इस प्रक्रिया में फेल होने वाले अधिकारियों को प्रमोशन में दिक्कत होती है.

प्रमोशन के होगा शारीरिक फिटनेस अनिवार्य  

गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को आईपीएस अधिकारियों के प्रमोशन से जुड़े मामले को लेकर जवाब मांगा गया है.

सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को केंद्र को सुझाव देने के लिए 3 जुलाई तक का वक्त मुकर्रर किया गया था. लेकिन, किसी राज्य सरकार ने अभी तक कोई सुझाव नहीं भेजा है.

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गृह मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक आईपीएस अधिकारियों की शारीरिक फिटनेस को आईपीएस अफसरों के लिए एक अनिवार्य उपाय के तौर सिफारिश की गई है. इससे उन अधिकारियों के प्रमोट करने से पहले समझा जाएगा.

गृह मंत्रालय के मुताबिक आईपीएस अधिकारियों के लिए फिटनेस को प्रमोशन के लिए अनिवार्य बनाने के पीछे डीआईजी, आईजी, एडीजी, और डीजी स्तर के अधिकारियों को भी फिटनेस को गंभीरता से लेने की बात होगी.

केंद्र के इस कदम के बाद कई आईपीएस अधिकारियों की नींद उड़ सकती है. अपने फिटनेस समस्या से जूझ रहे उन आईपीएस अधिकारियों ने अभी से ही अपनी तोंद और शारीरिक बनावट पर ध्यान देना शुरू कर दिया है.

फिटनेस के साथ-साथ अन्य विशेषज्ञता भी जरूरी 

गृह मंत्रालय ने कुछ महीने पहले ही पूरे देश में अधिकारियों के फिटनेस को लेकर एक सर्वे कराया था. सर्वे में अधिकारियों के फिटनेस को लेकर एक रिपोर्ट दी गई. जिसके बाद से ही गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश से इस बारे में जवाब मांगा.

गृह मंत्रालय का कहना है कि यह सारी कवायद पुलिसिंग में चुस्ती लाने के लिए किया जा रहा है. मंत्रालय का मानना है कि मोटापे के कारण पुलिस अधिकारी चुस्त नहीं रहते हैं और जिससे उनके कामकाज पर असर पड़ता है.

मंत्रालय का मानना है कि पुलिस की नौकरी में 24 घंटे तैयार रहना पड़ता है. कभी भी, कहीं भी और किसी भी परिस्थिति में लूटेरों, बदमाशों को आतंकवादियों से सामना करना पड़ता है. और इस स्थिति में अगर अधिकारी चुस्त-दुरुस्त नहीं रहेंगे तो उससे लोगों को ही नुकसान उठानी पड़ेगी.

इसके साथ ही आईपीएस अधिकारियों को वरिष्ठ रैंक और प्रमोशन पाने के लिए आतंक निरोधक और साइबर अपराध जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करनी होगी. गृह मंत्रालय द्वारा तैयार प्रस्ताव में देश के आईपीएस अधिकारियों को किसी खास क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करना अनिवार्य होगा.