केन्द्र सरकार ने विदेशी चंदा लेने वाले संस्थानों पर बड़ी कार्रवाई की है. सरकार ने जेएनयू, डीयू, खालसा कॉलेज और आईआईटी दिल्ली को मिलने वाले विदेशी फंड पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को भी इस दायरे में रखा गया है.
क्या है सरकार का तर्क
सरकार का तर्क है कि ये वो संस्थान हैं, जो पिछले पांच साल से अपने सालाना इनकम टैक्स रिटर्न की जानकारी नहीं दे रहे हैं या जिन्होंने विदेशी चंदा लेने के लिए फॉरेन कंट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है.
सरकार का कहना है कि किसी भी संस्थान को तब तक विदेशी चंदा लेने की अनुमति नहीं होती है, जब तक वह एफसीआरए के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं करा लेता है. इसी के तहत संस्थानों को हर पांच साल बाद अपने सालाना इनकम टैक्स रिटर्न की जानकारी गृहमंत्रालय को देनी होती है.
किन संस्थानों की फंडिंग रोकी गई
ऐसा न करने वाले संस्थानों पर ही ये कार्रवाई की गई है. जिन संस्थानों के विदेशी चंदा लेने पर रोक लगाई गई है और जिनका एफसीआरए के तहत रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया है, उनमें पंजाब यूनिवर्सिटी, गार्गी कॉलेज, लेडी इरविन कॉलेज, राजीव गांधी यूनिवर्सिटी, इग्नू, एस्कॉर्ट हॉर्ट इंस्टीट्यूट, सेना झंडा दिवस फंड, जाकिर हुसैन ट्रस्ट, श्री सत्य सांई ट्रस्ट, महात्मा गांधी ट्रस्ट आदि दर्जनों संस्थान शामिल हैं.
(साभार न्यूज 18)