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साल भर नए मतदाताओं का नाम दर्ज कराने पर केंद्र ने पूछा सवाल

चुनाव आयोग को सॉफ्टवेयर को फिर से इसके अनुरूप बनाने और व्यवहारिक दिक्कतों को दूर करने को कहा गया है

Bhasha

मतदाता के तौर पर खुद को पंजीकृत कराने का इंतजार कर रहे युवाओं के लिए एक अच्छी खबर है. केंद्र सरकार ने निर्वाचन आयोग से पूछा है कि 'क्या नागरिक 18 साल उम्र होते ही साल में किसी भी वक्त मतदाता के तौर पर नाम दर्ज करा सकते हैं.'

फिलहाल कोई व्यक्ति 18 साल का होने पर साल के पहले दिन यानी 1 जनवरी को मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने योग्य हो जाता है. इसके बाद की जन्म तारीख वालों का नाम अगले साल मतदाता सूची में जुड़ता है. इसे ऐसे भी कहा जा सकता है कि 1 जनवरी, 2018 के बाद 18 साल उम्र पूरी करने वाला व्यक्ति उस साल चुनाव होने पर वोट नहीं डाल सकता.


चुनाव आयोग 70 के दशक से जोर देता रहा है कि 18 साल उम्र पूरी करने वालों का नाम मतदाता के तौर पर दर्ज करने के लिए अलग-अलग कट ऑफ तारीख होनी चाहिए.

चुनाव आयोग ने 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर की कट-ऑफ तारीख का प्रस्ताव दिया था लेकिन विधि मंत्रालय ने 2016 में कहा था कि एक जनवरी और 1 जुलाई- 2 कट- ऑफ तारीख ठीक रहेंगी.

चुनाव कानून में संशोधन के लिए एक विधेयक भी तैयार किया गया था.

वरिष्ठ सरकारी और चुनाव आयोग के पदाधिकारियों का कहना है कि हालांकि केंद्र ने अब यह परखने का फैसला किया है कि 18 साल उम्र होते ही क्या व्यक्ति को स्वत: ही साल भर मतदाता के तौर पर जोड़ा जा सकता है.

इसके लिए चुनाव आयोग को सॉफ्टवेयर को फिर से इसके अनुरूप बनाने और व्यवहारिक दिक्कतों को दूर करने को कहा गया है.

वरिष्ठ सरकारी पदाधिकारी ने कहा, ‘निर्वाचन आयोग के पास विशेषज्ञ हैं. साथ ही वो मतदाता को पंजीकृत कर सकते हैं. इसलिए उनको गौर करना होगा कि क्या प्रस्ताव को लागू किया जाना संभव है.’

देश में 18-19 साल के उम्र समूह में औसतन 1 करोड़ से ज्यादा नए मतदाता हर साल पंजीकृत होते हैं.